न्यूज जंक्शन 24, लालकुआं। लालकुआं के 1537 परिवारों के लिए बड़ी खबर है। सरकार ने इन परिवारों को मालिकाना हक देने का फैसला लिया है। वर्ष 2000 के सर्किल रेट के आधार पर इन परिवारों को इन भूमि का मालिकाना हक दिया जाएगा (1537 families of Lalkuan will get ownership rights)। इसके लिए एक साल की समय सीमा निर्धारित की गई है। प्रदेश सरकार ने कैबिनेट बैठक में इसे लेकर निर्णय लिया है।
लालकुआं नगर की भूमि वर्ष 1927 में डिफॉरेस्ट हुई थी और 1975 में यह राजस्व ग्राम बना था। इसके तीन साल बाद ही यानी 1978 में इसे नगर पंचायत बना दिया गया। तब से आज तक लालकुआं के लोगों को उनकी जमीनों का मालिकाना हक नहीं मिल पाया है। इसे लेकर लंबे समय से संघर्ष चल रहा था। पहले 2016 में मालिकाना हक देने संबंधी शासनादेश जारी किया गया था। पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने दो वर्ष पूर्व 2004 के सर्किल रेट के हिसाब से मालिकाना हक देने का शासनादेश जारी कर दिया। मगर यह आदेश अागे नहीं बढ़ पाया।
अब वर्तमान धामी सरकार ने उसमें संशोधन करते हुए 2016 में जारी किए गए शासनादेश के आधार पर ही वर्ष 2000 के सर्किल रेट पर ही मालिकाना हक देने का निर्णय लिया है, जिसका नगर के 1537 परिवारों को लाभ पहुंचेगा (1537 families of Lalkuan will get ownership rights)।
लालकुआं के विधायक डॉ. मोहन सिंह बिष्ट ने बताया कि शुक्रवार की शाम हुई कैबिनेट की बैठक में मालिकाना हक देने संबंधी महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है, जो कि लालकुआं नगर क्षेत्र में निवास करने वाले लोगों के लिए सौगात है। सरकार के इस फैसले के बाद यहां के निवासियों का 100 वर्षों से चल रहा संघर्ष अब कामयाब हो गया है।
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