नई दिल्ली। हल्द्वानी के बनभूलपुरा के बहुचर्चित रेलवे भूमि को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है जो लोग वहां पर रहे हैं, वह भी इंसान हैं और अदालतें निर्दयी नहीं हो सकती हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अदालतों को भी संतुलन बनाए रखने की जरूरत है और राज्य को भी कुछ करने की जरूरत है। अगर आप लोगों को बेदखल करना चाहते हैं तो नोटिस जारी करें।
बता दें कि रेलवे भूमि पर अतिक्रमण को लेकर आज यानि 24 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उत्तराखंड के मुख्य सचिव और केंद्र सरकार संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ पुर्नवास को लेकर वार्ता करें। पुनर्वास योजना ऐसी हो जिससे सब सहमत हों।
सुप्रीम कोर्ट में रेलवेकी ओर से दलील दी गई कि वह वंदेभारत ट्रेन चलाना चाहते हैं और इसका विस्तारीकरण् करना चाहते हैं। ट्रै पर पानी भी भर जाता है जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने कि हम रेलवे की बात समझते हैं लेकिन इस मामले में संतुलन बनाने की जयरत है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह यह जानना चाहते हैं कि पुनर्वास को लेकर क्या योजना बनाई है। इस मामले में अगली सुनवाई 11 सितंबर को होगी।