चारधाम यात्रा के तहत प्रमुख गंगोत्री धाम के कपाट शनिवार को अन्नकूट पर्व के अवसर पर दोपहर 12:14 बजे शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु धाम में उपस्थित रहे, जिन्होंने “हर-हर गंगे, जय मां गंगे” के जयकारों से धाम को गुंजायमान कर दिया।
श्री पांच गंगोत्री मंदिर समिति के सचिव सुरेश सेमवाल ने बताया कि कपाट बंद होने की प्रक्रिया शुक्रवार को दीपोत्सव के साथ प्रारंभ हुई थी। कपाट बंद होने के बाद, मां गंगा की उत्सव मूर्ति को डोली यात्रा के माध्यम से मुखबा स्थित गंगा मंदिर में ले जाया जाएगा, जो शीतकालीन पड़ाव होगा।
वहीं, यमुनोत्री धाम के कपाट रविवार को भैयादूज पर्व पर दोपहर 12:05 बजे बंद होंगे। यमुनोत्री में भी कपाट बंदी की तैयारियां जोरों पर हैं। कपाट बंद होने के बाद मां यमुना की उत्सव मूर्ति को खरसाली गांव के लिए रवाना किया जाएगा, जहां श्रद्धालु शीतकाल में मां यमुना के दर्शन और पूजा कर सकेंगे।
यात्राकाल के दौरान, शुक्रवार शाम तक दोनों धामों में 15,21,752 तीर्थयात्री पहुंच चुके थे, जिसमें गंगोत्री धाम के 8,11,000 और यमुनोत्री धाम के 7,10,000 तीर्थयात्री शामिल हैं।
चारधाम की यह यात्रा न केवल आस्था का प्रतीक है, बल्कि भारतीय संस्कृति और परंपरा की धरोहर को भी जीवित रखती है। दोनों धामों के शीतकालीन पड़ावों को फूलों से सजाया गया है, जो श्रद्धालुओं को एक अलौकिक अनुभव प्रदान करेगा।