हल्द्वानी से पकड़े गए जफर ने खोला राज तो देशभर की पुलिस के निशाने पर आया अल्मोड़ा का नवीन, जानिए पूरा मामला

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# (cheating of one and a half lakh from the Additional District Judge)
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रोहतक। साइबर ठगी का जाल पूरे देश में फैल चुका है। लंबे अरसे इस जाल को काटने में लगी पुलिस को अब जाकर बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। उत्तराखंड के हल्द्वानी से पकड़े गए इस अंतरराज्यीय गिरोह के नुमाइंदे जफर ने जो राज खोला है, पुलिस को उसके जरिए इस गिरोह के सरगना तक पहुंचने का रास्ता मिल गया है। जफर के मुताबिक, गिरोह का सरगना अल्मोड़ा का रहने वाला नवीन है। उसका एक साथी यूपी के प्रतापगढ़ जिले में रहने वाला गौरव मिश्रा है। यह दोनों ही पूरा गिरोह चलाते हैं। यह गिरोह हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और दिल्ली तक फैला हुआ है। अब पुलिस इन दोनों सरगनाओं के गिरबां तक पहुंचने के लिए हाथ बढ़ा रही है।

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कानपुर के सराय बाजार निवासी जफर मंसूरी एक निजी मोबाइल कंपनी का प्रमोटर है और दिल्ली में रहकर काम करता था। उसने बताया है कि दिल्ली के जखीरा निवासी दीपक और रूबी इस धंधे में उसका साथ देते थे। ये दोनों भी मोबाइल कंपनी में प्रमोटर हैं। तीनों ही ठगी के लिए फर्जी तरीके से सिम जारी कराते थे और दूसरे सदस्यों को बेच देते थे। इसके बदले इन्हें कमीशन भी मिलता था। जांच अधिकारी दिनेश कुमार ने बताया कि एक सिम ऐसा भी इश्यू किया गया था, जिसमें रूबी ने अपनी खुद की फोटो लगाई थी और उस पर प्रिया तिवारी नाम लिख दिया था। करीब पांच माह पहले दीपक और रूबी को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद जफर पकड़ में आया है।

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यहां से शुरू हुआ गिरोह को बेनकाब करने का मिशन

जांच अधिकारी दिनेश कुमार ने बताया कि पिछले साल सितंबर में कंसाला निवासी संजय कुमार के पास एक फोन कॉल आई थी, जिसके बाद उसके पंजाब नेशनल बैंक के खाते से कई किश्तों में 1.98 लाख निकाल लिए गए। उसकी शिकायत मिलने पर जांच शुरू हुई और ताे पता चला कि जो रकम निकाली गई, वह जींद के एक युवक के खाते में भेजी गई थी।

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कई खातों में ट्रांसफर की जाती थी रकम

पुलिस ने उसे पकड़ा तो उसने बताया कि उसका खाता हैक हो चुका है और उसे नहीं पता कि रकम आई है या नहीं। जांच आगे बढ़ी तो पता चला कि जींद के युवक के खाते से यह रकम दिल्ली के प्रेमचंद शर्मा नाम के व्यक्ति के खाते में भेज दी गई। पुलिस प्रेमचंद शर्मा तक पहुंची तो वह खाता फर्जी पते पर मिला। आखिर में यह रकम फिन केयर स्मॉल फाइनेंस बैंक के खाते में ट्रांसफर कर दी गई। पुलिस उस खाते की जानकारी जुटा रही थी, तभी पता चला कि यह रकम गाजियाबाद में इंडसइंड बैंक की एक एटीएम से कैश निकाल ली गई है।