अगर शादी ब्याह या जरूरत पर सोना बेचने के मूड में हैं तो दो बातें जरूर ध्यान में रख लीजिए। पहला- सोना बेचने पर भी टैक्स देना पड़ता है। दूसरा-सोना खरीदने के साथ बिल जरूर लें वरना बेचने की सूरत में व्यापारी औने-पौने दाम लगाएंगे। सोना बेचने पर टैक्स को लेकर आयकर विभाग ने नोटिस भी जारी किया है।
अपने देश में सोने के साथ भावनात्मक लगाव है। त्योहार हो या शादी.इसे खरीदने का कोई मौका नहीं चूकते। लेकिन खुशी तब टेंशन में बदल जाती है जब सोना खरीदने के बाद इनकम टैक्स की ओर से नोटिस आ जाए। दिलचस्प बात ये है कि अधिकांश लोगों को नहीं पता कि सोना बेचने पर भी टैक्स देना पड़ता है। इसी जानकारी को लोगों तक पहुंचाने के लिए आयकर विभाग ने अलर्ट नोटिस जारी किया है।
सोना कैश, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड या नेटबैंकिंग के ज़रिए भुगतान करके खरीदा जा सकता है। जीएसटी लागू होने के बाद से ग्राहकों को गहने खरीदते समय इन्हें बनाने की फीस देनी होती है। साथ ही कुल सोने की कीमत का तीन फीसदी भुगतान करना होता है। सोना बेचने पर लगने वाला टैक्स इस बात पर निर्भर करता है कि आपने इसे कितने समय तक अपने पास रखा है।
इस पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस या लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस के आधार पर टैक्स लगेगा। अगर आप ज्वैलरी खरीदने के 36 महीने के अंदर उसे बेच देते हैं तो इसके बढ़े मूल्य पर आपको शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स चुकाना होगा। आपको हुआ फायदा आपकी कुल आय में जोड़ दिया जाएगा। आप जिस टैक्स-स्लैब में आते हैं, उसके हिसाब से टैक्स चुकाना होगा। 36 महीने के बाद बेचने पर लांग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगेगा। ये सोना बेचने पर हुए मुनाफे का करीब 20 प्रतिशत है।
सोना बेचने पर सराफा व्यापारी कई बार वह मेल्टिंग चार्ज के रूप में काफी पैसा काट लेता है। ऐसे में आपको आपके सोने की 60-7- प्रतिशत ही कीमत मिल पाती है. इन चीजों से अगर आप बचना चाहते हैं और सोने की सही कीमत पाना चाहते हैं तो सोना खरीदते समय बिल जरूर लें। सोना उसी व्यापारी को बेचें, जिससे खरीदा है। इससे अच्छी कीमत मिलेगी। किसी अन्य को बेचने जा रहे हैं तो थोड़ी सी फीस देकर हालमार्क सेंटर से शुद्धता की जांच करा लें। इससे कोई व्यापारी आपको ठग नहीं पाएगा।