उत्तराखंड में दो नाबालिग लड़कियों का रुकवाया बाल विवाह

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उत्तराखंड में बाल विवाह के बढ़ते मामलों के बीच रूद्रप्रयाग जिले में एक और मामले ने सबका ध्यान खींचा। शनिवार को विकासखंड जखोली के बुढ़ना और झिरमोली गांव में दो नाबालिग लड़कियों का बाल विवाह हो रहा था, लेकिन जिला प्रशासन की तत्परता ने इस कुप्रथा को रोक दिया। प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर दोनों लड़कियों का विवाह रुकवाया, और अब तक 12 बाल विवाहों को रोका जा चुका है।

वन स्टॉप सेंटर की केंद्र प्रशासक रंजना गैरोला भट्ट ने बताया कि शनिवार को सूचना मिली कि बुढ़ना और झिरमोली गांव में दो नाबालिग लड़कियों का विवाह कराया जा रहा था। सूचना मिलते ही प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए बाल विवाह रुकवाया और दोनों लड़कियों के परिजनों को वन स्टॉप सेंटर बुलाया। रंजना गैरोला भट्ट ने कहा कि परिजनों को समझाया गया कि बाल विवाह कानूनी अपराध है, जिसके बाद उन्होंने भविष्य में 21 साल की उम्र के बाद विवाह करने का वादा किया।

गैरोला भट्ट ने यह भी बताया कि वन स्टॉप सेंटर में परिजनों से शपथ पत्र लिया गया, जिसमें उन्होंने स्वीकार किया कि उन्हें 18 वर्ष से पहले विवाह की कानूनी मनाही की जानकारी नहीं थी। परिजनों ने यह आश्वासन भी दिया कि भविष्य में वे ऐसी गलती नहीं करेंगे और न ही समाज में इसे होने देंगे।

वहीं, रंजना गैरोला भट्ट ने कहा कि जनवरी से अब तक 12 बाल विवाहों को रोका जा चुका है। बाल विवाह की रोकथाम के लिए जिला और विकास खंड स्तर पर कार्यशालाओं का आयोजन किया जा रहा है, ताकि बच्चों और उनके अभिभावकों को इस बारे में जागरूक किया जा सके। उन्होंने कहा कि जन जागरूकता अभियान जारी रहेगा और बाल विवाह की रोकथाम में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। इस कार्रवाई में चाइल्ड हेल्पलाइन और वन स्टॉप सेंटर के प्रतिनिधि तथा जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहे।