न्यूज जंक्शन 24, बरेली।
फरीदपुर में बेसिक शिक्षा विभाग के सेवानिवृत्त 75 वर्षीय शिक्षक ने 31 वर्षीय महिला से विवाह करके चौंका दिया है। महिला उक्त शिक्षक के यहां किराएदार थी, जिसके पति का निधन हो गया था। उसके बाद वह आर्थिक तंगी से जूझते हुए तीन बच्चों को पाल पोसने में असमर्थ साबित हो रही थी। असहाय महिला को अकेले रहने वाले सेवानिवृत्त शिक्षक ने सहारा दिया तो और करीब आ गए। बुजुर्ग शिक्षक की इच्छा पर महिला ने आर्य समाज मंदिर फरीदपुर में शादी कर ली। बाद में शनिवार को सेवानिवृत्त शिक्षक ने सब रजिस्ट्रार कार्यालय में शादी को रजिस्टर्ड करवा लिया। सब रजिस्टार ने नव दंपति को शुभकामनाएं दी।
बरेली के पुराना शहर जगतपुर के रहने वाली मोतीलाल राठौर बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षक थे। 15 साल पहले सेवानिवृत्त होकर अपने घर में रहने लगे। 4 अप्रैल 2017 को मोतीलाल राठौर की पत्नी का निधन हो गया। उन्होंने अपनी तीनों बेटियों की शादी कर दी। जिसके बाद वह ससुराल चली गई। सेवानिवृत्त शिक्षक घर में अकेले रह गए। इसी दौरान कासगंज की 27 वर्षीय कामिनी अपने पति के साथ मोतीलाल राठौर के घर में किराए पर रहने लगे। कामनी का पति एक निजी डॉक्टर के यहां कंपाउंडर के पद पर काम करते थे। 30 मई 2019 को कामिनी के पति की मौत हो गई। पति की मौत के बाद कामिनी आर्थिक तंगी से जूझने लगी। जिसके बाद मोतीलाल राठौर ने उसे सहारा देना शुरू कर दिया। कामिनी और मोती लाल राठौर ने अपना जीवन बिताने के लिए परिणय सूत्र में बनने का फैसला लिया। 19 अक्टूबर को सेवानिवृत्त शिक्षक मोतीलाल राठौर ने फरीदपुर के आर्य समाज मंदिर में कामिनी से शादी की। परिणय सूत्र में बंधने के बाद मोतीलाल राठौर अपनी पत्नी कामिनी के साथ फरीदपुर के सब रजिस्ट्रार कार्यालय पहुंचे। उन्होंने वरिष्ठ अधिवक्ता सत्येंद्र मिश्रा की देखरेख में शादी रजिस्टर्ड कराने के लिए सब रजिस्ट्रार कार्यालय में आवेदन किया। दंपत्ति का पक्ष सुनने के बाद सब रजिस्टार ने दोनों की शादी रजिस्टर्ड की। दंपत्ति ने बताया कि आगे की जिंदगी दोनों मिलकर पूरी करेंगे। सेवानिवृत्त शिक्षक का कहना है की हार्ट के मरीज हैं। बीमारी में कामिनी उसका साथ देगी। जबकि कामिनी का कहना है कि मोतीलाल राठौर का सहारा मिलकर वह अपने बच्चों को पाल पोस सकेगी।