मुरादाबाद। जिले के एक निजी अस्पताल की लापरवाही के चलते दो अलग सुमदाय के लोगो के शव बदल गए। मुस्लिम परिवार को हिन्दू परिवार का शव मिल गया। जबकि, हिन्दू परिवार को मुस्लिम का। मुस्लिम परिवार ने शव का अंतिम संस्कार भी कर दिया। हिन्दू परिवार ने शव खोलकर देखा तो मामले का खुलासा हुआ। जिसके बाद उन्होंने पुलिस से मदद मांगी।
असल मे निजी अस्पताल स्टाफ ने कोरोना पॉजिटिव मरीज़ नासिर की मौत के बाद उसके शव को रामप्रसाद के परिवार को सौंप दिया। रामप्रसाद के परिजनों को नासिर का शव सौंप दिया। रामपुर से आए नासिर के परिजनों ने प्रोटोकॉल के मुताबिक नासिर के शव को मुरादाबाद के थाना सिविल लाइन क्षेत्र की शाह बुलाकी साहब की जियारत के पास के कब्रिस्तान में मुस्लिम रीति-रिवाज से दफन कर दिया। अस्पताल की तरफ से रामप्रसाद के परिजनों को दिया गया नासिर का शव लेकर जब परिजन दिल्ली रोड के लोको शेड मोक्षधाम पर पहुंचे तो वहां शवों की संख्या ज्यादा होने की वजह से 4 घंटे तक उन्हें प्रतीक्षा करनी पड़ी जब चिता जलाने का समय आया तो रामप्रसाद के परिजनों ने शव उठाकर जैसे ही चिता पर रखना शुरू किया तभी रामप्रसाद के परिजन को ऐसा लगा कि शव काफी हल्का है। जबकि रामप्रसाद शरीर काफी भारी था।
शक होने पर रामप्रसाद के परिवार के पवित्र कुमार ने शव का चेहरा खोल कर देख लिया, तब उन्हें विश्वास हो गया कि यह शव राम प्रसाद का नहीं है । इसके बाद परिजन निजी अस्पताल पहुंचे जहां अस्पताल के स्टाफ ने रामप्रसाद के परिजनों को कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया तब परिजनों ने डायल 112 पर कॉल कर पुलिस की मदद मांगी | अस्पताल में शव बदलने की सूचना मिलते ही पुलिस प्रशासन के साथ ही स्वास्थ्य विभाग में भी हड़कंप मच गया। एसडीएम सदर प्रशांत तिवारी ने जानकारी कर रामपुर से नासिर के परिजनों को कॉल कर बुलवाया और नासिर का शव एंबुलेंस में रखवा कर श्मशान घाट से कब्रिस्तान भिजवाया गया। पुलिस ने नासिर के स्थान पर कब्र में दफन रामप्रसाद का शव निकलवाकर रामप्रसाद के परिजनों को दिया। नासिर का शव मुस्लिम रीति-रिवाज से उनके परिजन एक बार फिर दफन करेंगे। मौके पर पहुंचे एसडीएम का कहना है कि जांच कराई जा रही है और अस्पताल के जो भी कर्मचारी इसमें जिम्मेदार होंगे उनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।
यह था पूरा मामला
मुरादाबाद के सिविल लाइंस इलाके के बंगला गांव में रहने वाले 61 साल के रामप्रसाद को 16 अप्रैल को दिल का दौरा पड़ा था | परिजनों ने रामप्रसाद का कांठ रोड पर एक निजी अस्पताल में कोरोना का टेस्ट कराया था जहां रामप्रसाद पॉज़िटिव आये थे | उसके बाद परिजनों ने रामप्रसाद को उसी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती करा दिया , 19 अप्रैल को रामप्रसाद का इलाज के दौरान निधन हो गया | अस्पताल ने रामप्रसाद के परिजनों को सूचना देकर 20 अप्रैल की शाम रामप्रसाद का शव सौंप दिया, इसी दौरान इसी हॉस्पिटल में रामपुर के 45 साल के नासिर का भी कोरोना पॉजिटिव आने पर इलाज चल रहा था, ईलाज के दौरान नासिर का भी निधन हो गया, अस्पताल की लापरवाही से दोनों ही शव को बदल दिए गए |