भारत सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर आधिकारिक जानकारी साझा करते हुए स्पष्ट किया है कि यह सैन्य कार्रवाई पहलगाम आतंकी हमले के प्रतिशोध में की गई। इस ऑपरेशन का उद्देश्य सीमापार आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर आतंकवाद को निर्णायक जवाब देना था।
विदेश सचिव विक्रम मिसरी, सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऑपरेशन की रणनीति और परिणामों को लेकर विस्तृत जानकारी दी।
विदेश सचिव मिसरी ने कहा कि पहलगाम में हुआ हमला 2008 के मुंबई हमले के बाद सबसे बड़ा आतंकवादी हमला था, जिसमें बड़ी संख्या में आम नागरिकों की जान गई। उन्होंने बताया कि इस हमले की योजना पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैय्यबा ने बनाई थी, जबकि जिम्मेदारी द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली, जो लश्कर का ही एक मुखौटा संगठन है।
उन्होंने कहा, “TRF जैसे संगठन आतंकवाद की अंतरराष्ट्रीय पहचान से बचने के लिए बनाए जाते हैं, ताकि लश्कर और जैश जैसे मुख्य आतंकी संगठनों की गतिविधियों को छिपाया जा सके।”
मिसरी ने खुलासा किया कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के बयान से TRF का उल्लेख हटाने के लिए पाकिस्तान ने पूरा दबाव बनाया। यह उसकी संलिप्तता का स्पष्ट प्रमाण है। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान आज आतंकवाद को समर्थन देने वाले देशों की सूची में सबसे ऊपर आ चुका है।”
उन्होंने यह भी बताया कि भारत पहले ही 23 अप्रैल को सिंधु जल समझौते की समीक्षा सहित कई सख्त कदम उठा चुका था, पर पाकिस्तान ने आतंकवाद के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
भारत की नियंत्रित और सटीक जवाबी कार्रवाई
विदेश सचिव ने कहा कि भारत ने यह कार्रवाई आत्मरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा के अधिकारों के तहत की। “हमारी कार्रवाई सीमित, सटीक और केवल आतंकी ठिकानों पर केंद्रित थी। पाकिस्तान को कई बार आगाह किया गया था, लेकिन उसने लश्कर और जैश जैसे संगठनों को संरक्षण देना जारी रखा,” उन्होंने कहा।
9 ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक, केवल आतंकी हुए निशाना
इस ऑपरेशन की रणनीतिक जानकारी देते हुए कर्नल सोफिया कुरैशी ने बताया कि भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पीओके में कुल नौ आतंकी अड्डों को ध्वस्त किया। इस दौरान नागरिकों और सैन्य प्रतिष्ठानों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया गया।
प्रमुख टारगेट्स में शामिल थे:
कोटली अब्बास स्थित आतंकी प्रशिक्षण केंद्र, जहाँ लगभग 1500 आतंकियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा था।
पंजाब प्रांत के बहावलपुर और महमूना जोया में संचालित आतंकी कैंप।
मुरीदके स्थित मरकज़ तैयबा, जो लश्कर-ए-तैय्यबा का मुख्यालय है और जहाँ मुंबई हमले के आरोपी अजमल कसाब को ट्रेनिंग दी गई थी।
कर्नल कुरैशी ने कहा, “हमने केवल आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया और सुनिश्चित किया कि किसी आम नागरिक को कोई नुकसान न पहुंचे।”







