न्यूज जंक्शन 24, नई दिल्ली। बारिश की वजह से एक दुखद घटना सामने आई है। पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में लगातार भारी बारिश की वजह से बुधवार रात भूस्खलन में आम लोगों के साथ टेरिटोरियल आर्मी के कई जवान भी इसकी चपेट में आ गए (Army camp sunk in landslide in Manipur)। यह घटना तुपुल रेलवे स्टेशन के पास हुई है। हादसे के बाद अब तक सात लोगों के शव बरामद किए गए हैं, जबकि 45 से अधिक लोग मलबे में दबे हैं। रेलवे के अनुसार अब तक 19 लोगों की जान बचाई जा चुकी है। वहीं बड़े पैमाने पर मलबा गिरने के कारण इजेई नदी अवरुद्ध हो गई है, जिससे एक जलाशय बन गया है जो निचले इलाकों को जलमग्न कर सकता है।
नोनी के डिप्टी कमिश्नर द्वारा जारी एक एडवाइजरी में कहा गया है कि टुपुल यार्ड रेलवे निर्माण शिविर में हुए दुर्भाग्यपूर्ण भूस्खलन (Army camp sunk in landslide in Manipur) के कारण 50 से अधिक लोग मलबे के अंदर दब गए हैं, जबकि दो लोगों के शव बरामद हुए हैं। इजेई नदी का प्रवाह भी मलबे से बाधित हो गया है, भंडारण की स्थिति अगर भंग हुई तो नोनी जिला मुख्यालय के निचले इलाकों में कहर बरपाएगा।
जानकारी के मुताबिक जिरीबाम को इंफाल से जोड़ने के लिए एक रेलवे लाइन का निर्माण हो रहा था जिसकी सुरक्षा के लिए 107 टेरिटोरियल आर्मी के जवानों को तैनात किया गया था। बुधवार रात को वहां पर भारी भूस्खलन हुआ। जिसमें कई जवान दब गए। गुरुवार सुबह सेना, असम राइफल्स, मणिपुर पुलिस की ओर से बड़े पैमाने पर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। जिसमें साइट पर उपलब्ध इंजीनियरिंग उपकरणों का भी उपयोग किया जा रहा है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस घटना पर जानकारी देते हुए लिखा, “मणिपुर में तुपुल रेलवे स्टेशन के पास भूस्खलन के मद्देनजर मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह और केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव से बात की। बचाव कार्य जोरों पर है। एनडीआरएफ की एक टीम मौके पर पहुंच गई और बचाव कार्यों में शामिल हो गई।
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