न्यूज जंक्शन 24, देहरादून। देहरादून और मसूरी के बीच बनने वाले रोपवे (Dehradun-Mussoorie ropeway) को लेकर सभी तरह की आपत्तियां दूर हो गई हैं। अब इसके निर्माण में तेजी आएगी। कैबिनेट ने टर्मिनल को निर्धारित ऊंचाई तक निर्माण की अनुमति दे दी है।
यह रोपवे (Dehradun-Mussoorie ropeway) एशिया का दूसरा सबसे बड़ा रोपवे (Asia’s second largest ropeway) होगा। इसकी ऊंचाई और लंबाई की वजह से इसमें ऊंचे-ऊंचे टर्मिनल बनाए जाने हैं। लेकिन बायलॉज के हिसाब से इतनी ऊंचाई पर टर्मिनल का निर्माण नहीं किया जा सकता है। इसके चलते रोप-वे के निर्माण में रुकावट आ रही थी, मगर अब यह रुकावट दूर हो गई है। मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू ने बताया कि बैठक में बायलॉज में शिथिलिकरण को मंजूरी दी गई है। इसके बाद अब रोप-वे के लिए निर्धारित ऊंचाई वाले टर्मिनल बनाए जा सकेंगे।
देहरादून से मसूरी के लिए प्रस्तावित रोपवे (Dehradun-Mussoorie ropeway) की लंबाई 5.5 किमी होगी। जो हांगकांग के गोंगपिंग रोपवे की लंबाई 5.7 किमी से महज सौ मीटर कम है। इस रोपवे के बनने से दून से मसूरी मात्र 15-18 मिनट में पहुंच जाएंगे। इससे मसूरी में लगने वाले ट्रैफिक के साथ ही सुरक्षित पर्यावरणीय दृष्टि से यात्रियों को सुविधाजनक यातायात का साधन सुलभ होगा।
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