न्यूज जंक्शन 24, नई दिल्ली। केंद्रीय श्रमिक संगठनों आज और कल यानी 28 और 29 मार्च देशव्यापी हड़ताल यानी भारत बंद (two days Bharat Bandh) का अाह्वान किया है। बैंकिंग, रोडवेज, बीमा और वित्तीय क्षेत्र के कर्मचारी भी इस हड़ताल में भाग लेंगे। इससे बैंकिंग सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं। श्रमिक संगठनों के बयान के अनुसार, ये हड़ताल सरकार की कामगार विरोधी, किसान विरोधी, जन विरोधी और राष्ट्र विरोधी नीतियों के खिलाफ है। इसमें एस्मा के खतरे के बावजूद रोडवेज, परिवहन और बिजली क्षेत्र के कर्मचारियों ने हड़ताल (two days Bharat Bandh) में शामिल होने का निर्णय किया है।
इस भारत बंद (two days Bharat Bandh) में टेलिकॉम, कोयला, इस्पात, तेल, पोस्टल, इनकम टैक्स, तांबा, बैंक, बीमा जैसे क्षेत्रों में यूनियनों को भी हड़ताल में शामिल होने की अपील की गई है। रेलवे और रक्षा क्षेत्र की यूनियनें देशभर में सैकड़ों जगह हड़ताल के समर्थन में भारत बंद करेंगी।
इन सेवाओं पर पड़ सकता है असर
इस भारत बंद (two days Bharat Bandh) के चलते बहुत सारे काम-काज पर असर पड़ सकता है। सबसे बड़ा असर बैंकिंग सेक्टर पर पड़ सकता है। इसके अलावा इस बंद के चलते ट्रांसपोर्ट व्यवस्था पर भी दिख सकता है। रेलवे और रक्षा क्षेत्र की यूनियन भी हड़ताल में शामिल हो सकती हैं।
भारतीय मजदूर संघ और एसबीआई बंद में शामिल नहीं
भारतीय मजदूर संघ ने कहा है कि वे हड़ताल में शामिल नहीं होंगे। संघ ने इस भारत बंद को राजनीति से प्रेरित बताया है। मजदूर संघ के मुताबिक इस बंद का मकसद कुछ राजनीतिक दलों के एजेंडे को आगे बढ़ाना है। वहीं, देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने भी कहा है कि वह भारत बंद में शामिल नहीं है। हालांकि हड़ताल के दौरान कामकाज को निपटाने के लिए आवश्यक व्यवस्था की गई है, लेकिन संभावना जताई रही है कि बैंक के कामकाज पर सीमित असर पड़ सकता है।
ये हैं मांगे
12 सूत्री मांग पत्र के लिए मजदूर और किसान कई सालों से संघर्ष करते रहे हैं लेकिन सरकार द्वारा उचित कदम नहीं उठाए जाने के कारण इस बंद को बुलाया गया है।
1.चार श्रम क़ानूनों और ज़रूरी रक्षा सेवा अधिनियम (EDSA) को रद्द किया जाए
2. संयुक्त किसान मोर्चा की मांगों वाले 6 सूत्री घोषणापत्र को स्वीकार किया जाये
3. सभी तरह के निजीकरण को खत्म किया जाए।
4. जो परिवार आयकर भुगतान के दायरे के बाहर हैं उन्हें प्रति माह 7,500 रुपये की आय सहायता प्रदान की जाए।
5. मनरेगा के लिए आवंटन बढ़ाएं जाए।
6.सभी अनौपचारिक क्षेत्र के श्रमिकों के लिए सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा प्रदान किया जाए।
7. आंगनवाड़ी, आशा, मिड डे मिल और दूसरी योजना में लगे कार्यकर्ताओं के लिए वैधानिक न्यूनतम पारिश्रमिक और सामाजिक सुरक्षा प्रदान किया जाए।
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