देहरादून: प्रदेश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने प्रारंभिक रोकथाम के लिए सभी प्रदेशवासियों को आइवरमेक्टिन टेबलेट देने का निर्णय लिया है। 15 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों को यह टेबलेट तीन दिन तक प्रतिदिन सुबह शाम लेनी होगी। 10 से 15 आयुवर्ग के बच्चों को खाने के बाद एक टेबलेट तीन दिन तक लेनी होगी। दो से 10 वर्ष तक के बच्चों को चिकित्सक की सलाह पर यह दवा दी जाएगी। दो वर्ष से कम आयु के बच्चों और गर्भवती महिलाओं को यह टेबलेट नहीं दी जाएगी।
प्रदेश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर बेहद घातक साबित हो रही है। कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी से उछाल देखने को मिला है। इतना ही नहीं, इस बार प्रदेश में कोरोना संक्रमण से मृत्यु दर राष्ट्रीय औसत से अधिक है। यह स्थिति सरकार की पेशानी पर बल डाले हुए है। वहीं, जांच रिपोर्ट के नतीजे आने में हो रही देरी से भी मरीजों का स्वास्थ्य बिगड़ रहा है। इसे देखते हुए राज्य स्तरीय क्लीनिकल टेक्निकल कमेटी की संस्तुति के बाद यह निर्णय लिया गया है कि कोरोना संक्रमण के गंभीर रूप लेने से पहले इसकी प्रारंभिक रोकथाम के लिए आइवरमेक्टिन टेबलेट को बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जाए। इसके लिए जिला स्तर पर इसकी खरीद कर एक व्यक्ति के लिए छह टेबलेट के हिसाब से चार व्यक्तियों के परिवार के लिए 24 टेबलेट का किट तैयार किया जाएगा।
मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि इन टेबलेट की खरीद कर संपूर्ण जिले में इनका वितरण सुनिश्चित किया जाए। किट तैयार करने के लिए स्वयं सहायता समूहों की मदद ली जा सकती है।
इसके लिए इन्हें न्यूनतम धनराशि उपलब्ध कराई जा सकती है। आदेश में कहा गया है कि दवा वितरण बीएलओ, आंगनबाड़ी कार्यकत्र्ता, आशा कार्यकत्र्ता, ग्राम्य विकास अधिकारी, ग्राम प्रधान, पार्षद व गैर सरकारी संस्थाओं के माध्यम से किया जा सकता है। इसके साथ ही संक्रमण के लक्षण वाले व्यक्तियों के लिए दवा की पूरी किट ग्राम पंचायत स्तर पर रखी जा सकती है।