देहरादून। टिहरी के गजा तहसील के गुमलागांव में 7 साल पहले तलवार से मां, भाई और भाभी की हत्या के दोषी को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रमा पांडेय की अदालत ने मृत्युदंड की सजा सुनाई है। साथ ही आरोपी पर पांच हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड अदा न करने पर अभियुक्त को छह माह अतिरिक्त कठोर कारावास में गुजारना पड़ेगा। कोर्ट ने इस अपराध को विरलतम श्रेणी का माना है।
टिहरी जिला न्यायालय में सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता बेणी माधव शाह ने बताया कि यह मामला 13 दिसंबर 2014 का है। गजा तहसील के गुमलागांव निवासी राम सिंह पंवार ने नायब तहसीलदार गजा को तहरीर देकर बताया था कि उसके बेटे संजय सिंह ने अपनी मां मीना देवी (58), भाई सुरेंद्र सिंह (34) और भाभी कांता देवी (25) की आपसी विवाद में हत्या कर दी थी। संजय ने तलवार से तीनों को बेरहमी से काट डाला था। घटना के समय आरोपी की भाभी कांता देवी 12 सप्ताह की गर्भवती थी। अत्याधिक रक्तस्त्राव से उसके बच्चे की भी मौत हो गई थी। इस घटना से आरोपी के पिता राम सिंह बहुत आहत हुए थे और करीब दो माह बाद उनकी भी मृत्यु हो गई थी।
तहरीर के आधार पर नायब तहसीलदार ने राजस्व पुलिस चौकी क्वीली में मुकदमा पंजीकृत कर विवेचना शुरू की। राजस्व पुलिस ने घटनास्थल से तलवार के साथ आरोपी को गिरफ्तार किया था। आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 302, 201 और 316 के तहत आरोप पत्र सीजेएम न्यायालय में पेश किया गया। सीजेएम कोर्ट ने परीक्षण के बाद 10 फरवरी 2015 को मामला सेशन कोर्ट के सुपुर्द किया। मंगलवार 24 अगस्त को एडीजे रमा पांडेय की अदालत में मामले पर बहस हुई। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता बेणी माधव शाह ने मामले में कई कागजी दस्तावेज और 16 गवाह पेश किए। अभियोजन और बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने प्रकरण को गंभीर और विरलतम (रेयर ऑफ रेयरेस्ट) पाते हुए कठोरतम दंड से दंडित करने का निर्णय लिया और अभियुक्त को मृत्युदंड की सजा सुनाई है।
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