उत्तराखंड में एक बार फिर आसमान से आफत बरस रही है। प्रदेश के पर्वतीय जिलों में लगातार हो रही तेज बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है। टिहरी गढ़वाल जिले में बारिश के कारण बड़ा हादसा सामने आया है, जहां ऋषिकेश-गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर चंबा क्षेत्र में भारी मलबा आने से एक बस और एक ट्रक उसकी चपेट में आ गए।
घटना के वक्त बस में मौजूद ड्राइवर ने बताया कि वे बस के अंदर बैठे थे, तभी अचानक पहाड़ी गदेरे से पानी और मलबा तेजी से नीचे आया। “हमें बस हटाने का भी समय नहीं मिला, देखते ही देखते पूरी बस मलबे में दब गई,” ड्राइवर ने बताया। उन्होंने वाहन को निकालने का प्रयास भी किया, लेकिन मलबे का बहाव इतना तेज था कि सफलता नहीं मिल सकी।
स्थानीय प्रत्यक्षदर्शियों का आरोप है कि यह हादसा नेशनल हाईवे निर्माण कार्यों में बरती गई लापरवाही के कारण हुआ है। उनका कहना है कि निर्माण स्थल पर ऊपर पहाड़ियों में मलबा असुरक्षित तरीके से फेंका गया था। इस संबंध में लोगों ने पहले ही जिला प्रशासन को अवगत कराया था, लेकिन समय रहते कोई कार्रवाई नहीं की गई।
इससे पहले बुधवार को भी राज्य में मूसलाधार बारिश ने गढ़वाल से लेकर कुमाऊं तक तबाही मचाई थी। चमोली जिले के थराली क्षेत्र में एक बरसाती नाले में अचानक उफान आने से भारी मलबा जमा हो गया, जिसमें 10 से अधिक वाहन दब गए थे। वहीं, पिथौरागढ़ जिले के बेरीनाग क्षेत्र में हुई भीषण ओलावृष्टि ने बागवानी और खेती को व्यापक नुकसान पहुंचाया है। ओलों की मार से पेड़ों पर लगे फल झड़ गए और खेतों में खड़ी फसलें नष्ट हो गईं।
बारिश और भूस्खलन की घटनाओं को देखते हुए प्रशासन ने संवेदनशील इलाकों में सतर्कता बढ़ा दी है। SDRF और स्थानीय पुलिस की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं। मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में भी पर्वतीय क्षेत्रों में बारिश की संभावना जताई है, जिसके चलते हाई अलर्ट जारी किया गया है।







