उत्तराखंड निवासी कैप्टन दीपक सिंह आतंकी मुठभेड़ में शहीद

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उत्तराखंड के लिए दुःखद खबर है। डोडा के अस्सर इलाके में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई। इस मुठभेड़ में चार आतंकियों के मारे जाने की खबर है।

वहीं, भारतीय सेना के 48 राष्ट्रीय राइफल्स के एक कैप्टन बलिदान हो गए हैं। इलाके में खूने के धब्बे मिले थे, जिसके बाद सुरक्षाबलों ने अभियान चलाया। सुरक्षा बलों ने एम4 राइफल बरामद की है। इसके अलावा गोला-बारूद और रसद सामग्री भी बरामद की है। इसके साथ ही तीन बैग भी जब्त किए गए हैं। जम्मू कश्मीर के एडीजीपी जम्मू आनंद जैन ने आज डोडा का दौरा किया। जहां भारतीय सेना और पुलिस ने सर्च ऑपरेशन चला रखा है। डोडा मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने एक आतंकवादी को ढेर कर दिया है।

जानकारी के मुताबिक, डोडा के अस्सार इलाके में भारतीय सेना ने फिर सर्च अभियान चलाया। इसी दौरान आतंकियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। मुठभेड़ में तलाशी दल का नेतृत्व करते समय सेना के एक अधिकारी घायल हो गए। जिसके बाद उन्हें अस्पताल लाया गया, जहां इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। बलिदानी कैप्टन दीपक 48 राष्ट्रीय राइफल से हैं। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि कैप्टन दीपक ने आगे बढ़कर नेतृत्व किया और आतंकवादियों को मार गिराने के लिए अपने लोगों को निर्देशित करना जारी रखा। मुठभेड़ में उनको गोली लग गई। जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। उन्होंने कहा कि गंभीर चोटों के कारण कैप्टन ने दम तोड़ दिया और देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया। एक अधिकारी ने बताया कि आतंकवादी अस्सर में एक नदी के पास छिपे हुए हैं।

मंगलवार को उधमपुर की तहसील रामनगर के डूडू बसंतगढ़ के पहाड़ी क्षेत्र में चार आतंकवादी देखे गए थे। देर शाम आतंकियों की मौजूदगी पर सुरक्षाबलों ने तलाशी अभियान चलाया। अपनी तरफ सुरक्षाबलों का घेरा बढ़ता देख आतंकी सियोजधार के रास्ते अस्सर होते हुए जिला डोडा की तरफ निकल गए। सूत्रों के अनुसार सियोजधार इलाके में आतंकवादी दिखे लेकिन धुंध का फायदा उठाकर ये लोग भाग निकले थे।

सियोजधार क्षेत्र में मौसम खराब होने के चलते धुंध इनती ज्यादा थी कि दो फुट की दूरी तक देख पाना मुश्किल हो रहा था। इसके चलते सुरक्षाबलों को तलाशी अभियान में परेशानी आई। आतंकियों के निकलने के बाद सुरक्षाबलों ने डोडा की तरफ सुरक्षा घेरा बढ़ा दिया। एक हफ्ता पहले भी डूडू बसंतगढ़ में आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच गोलीबारी हुई थी। तब भी आतंकी भाग निकलते थे। हफ्ते भर से सुरक्षाबलों ने जंगल में ही इन आतंकियों को घेरकर रखा था, लेकिन खराब मौसम इन आतंकियों की ढाल बन रहा है।