सरकार ने फिर बदली SOP, कोर्ट से टकराव के बाद चारधाम यात्रा की स्थगित

196
#golden layers in Kedarnath Dham wall
खबर शेयर करें -

देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने मंगलवार सुबह चारधाम यात्रा को लेकर संशोधित एसओपी जारी कर दी। इस एसओपी के जिरए सरकार ने एक जुलाई से प्रस्तावित चारधाम यात्रा को अग्रिम आदेशों तक के लिए स्थगित कर दिया है। इससे पहले सोमवार शाम को जारी एसओपी में सरकार ने उच्च न्यायालय की रोक के बावजूद चारधाम यात्रा एक जुलाई से शुरू करने का फैसला लिया था। इससे विधायिका और न्यायपालिका में टकराव की स्थिति बन गई थी, मगर सुबह होते ही सरकार ने अपने कदम पीछे खींच लिए और संशोधित एसओपी जारी करते हुए चारधाम यात्रा स्थगित कर दी।

यह भी पढ़ें : उत्तराखंड सरकार को हाई कोर्ट ने दिया बड़ा झटका, चारधाम यात्रा पर लगाई रोक। पढ़िए यह की बड़ी टिप्पणी

यह भी पढ़ें :  कोरोना पर उत्तराखंड सरकार के इंतजामों से हाई कोर्ट सख्त नाराज, यहां तक कह डाला

हाईकोर्ट ने लगाई थी रोक

सोमवार को दिन में हाईकोर्ट ने सरकार के सारे तर्कों को नकारते हुए एक जुलाई से चारधाम यात्रा कराने के कैबिनेट के निर्णय पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने कहा था कि सरकार के अधिकारी कोर्ट को बहुत हल्के ढंग से ले रहे हैं, लिहाजा मुख्य सचिव अधिकारियों को कोर्ट के समक्ष जवाब देने की ट्रेनिंग दें। अधिकारी गलत और अधूरी जानकारी देकर हमारे धैर्य की परीक्षा न लें। कोर्ट ने इस प्रकरण में अगली सुनवाई के लिए सात जुलाई की तिथि नियत की है।

यह भी पढ़ें : हो गई घोषणा, इस दिन खुलेगा गंगोत्री धाम का कपाट, केदारनाथ और बदरीनाथ धाम खुलने की तारीख भी जानिए

सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में थी सरकार

चारधाम यात्रा पर हाईकोर्ट की ओर से रोक लगने के बाद सरकार सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रही थी। सोमवार को कृषि मंत्री व शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने बताया था कि प्रदेश सरकार चार धाम यात्रा एक जुलाई से शुरू करने जा रही थी। सरकार की ओर से इसके लिए सारी तैयारी भी की गई थी। सभी व्यवस्था देखने के बाद चारों धामों में कुल 750 यात्री ही चारों धामों में दर्शन कर सकते थे। यात्रियों की संख्या भी सीमित थी। हर धाम में बड़े अधिकारी को पूरी व्यवस्था की जिम्मेदारी दी गई थी। देवास्थापना बोर्ड और जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ कोआर्डिनेशन कर यात्रा की तैयारियों की मॉनिटरिंग करने का काम बड़ी जिम्मेदारी के साथ हम लोगों ने किया था। उन्होंने कहा कहा ऐसी परिस्थिति में उच्च न्यायालय द्वारा जो स्टे किया गया है, उसके खिलाफ अगर जरूरत पड़ेगी तो सरकार सुप्रीम कोर्ट जाएगी।

खबरों से रहें हर पल अपडेट :

हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें।

हमारे टेलीग्राम ग्रुप से जुड़ने के लिए क्लिक करें।