Uttrakhand : देवस्थानम बोर्ड को लेकर CM तीरथ का बड़ा निर्णय, बदल सकते हैं EX CM त्रिवेंद्र सिंह रावत का एक और फैसला

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देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने के बाद तीरथ सिंह रावत एक के बाद एक कई बड़े फैसले लेते जा रहे हैं। इस दौरान उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कई फैसलों को पलट भी दिया। अब उन्होंने एक और निर्णय लिया है। अगर यह काम पूरा हुआ ताे पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत के एक और फैसले को सीएम तीरथ पलट देंगे।

दरअसल, उन्होंने अब देवस्थानम बोर्ड को लेकर बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने कहा है कि वह इस बोर्ड पर पुनर्विचार करेंगे। वह शुक्रवार को हरिद्वार दौरे पर थे। वहां उन्होंने विश्व हिंदू परिषद की बैठक में संतों को आश्वासन दिया कि देवस्थानम बोर्ड पर पुनर्विचार किया जाएगा और जल्द ही सरकार इस पर तीर्थ पुरोहितों और संतों के साथ बैठक कर गंभीरता से विचार करेगी।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि चार धाम को लेकर आदिगुरु शंकराचार्य की ओर से स्थापित परंपराओं को जारी रखा जाएगा। देवस्थानम बोर्ड में शामिल किए गए 51 मंदिरों को बोर्ड से मुक्त कर दिया जाएगा और देवस्थानम बोर्ड के बारे में भी पुनर्विचार किया जाएगा। इस बारे में उनकी सरकार गंभीरता से विचार करेगी और जल्दी ही चार धामों के तीर्थ पुरोहितों की बैठक बुलाई जाएगी।

मेरे हाथ में जो होगा वह मैं करूंगा

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी अधिकार को उनकी सरकार किसी को भी छीनने नहीं देगी। चार धामों के बारे में शंकराचार्यों ने प्राचीन काल से जो व्यवस्था की है, उसका पूरी तरह पालन किया जाएगा। उसमें कोई छेड़छाड़ नहीं होगी और ना ही किसी के अधिकारों में कटौती होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संबंध में जो भी मेरे हाथ में होगा, वह मैं करूंगा, संतों को निराश नहीं होने दूंगा।

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देवस्थानम बोर्ड को लेकर संतों के निशाने पर आए थे त्रिवेंद्र

पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने करीब दो साल पहले देवस्थानम बोर्ड बनाया था। इसके कारण वे संतों के निशाने पर आ गए थे। इस बोर्ड के जरिए चार धामों के तीर्थ स्थलों से संबंधित सभी फैसले सरकार या बोर्ड लेने लगी थी, तीर्थ पुरोहितों को उसमें हस्तक्षेप का अधिकार नहीं रह गया था। इससे संत, तीर्थ पुरोहित सरकार से काफी नाराज हो गए थे और यह मामला हाई कोर्ट तक पहुंच गया था, मगर वहां से सरकार को राहत मिल गई थी। कुछ महीनों पहले पूर्ववर्ती त्रिवेंद्र सरकार ने देवस्थानम बोर्ड को ही चारधाम यात्रा कराने की जिम्मेदारी दे दी थी।