नई दिल्ली। कोरोना वायरस से ठीक हुए मरीजों में अब नई तरह की दिक्कत सामने आ रही है। ज्यादातर मरीजों को थकावट और कमजोरी की परेशानी तो पहले से ही है, मगर अब इस नई परेशानी ने मरीजों और चिकित्सकों के लिए चिंता बढ़ा दी है। हालांकि अभी ये परेशानी दिल्ली में रिपोर्ट किए गए हैं और इनकी संख्या कम है, मगर बात चिंता को बढ़ाने वाली ही है।
दरअसल, कोरोना को हराने वाले पांच मरीजों में पित्त की थैली में गैंग्रीन की शिकायत मिली है। इनमें से चार रोगियों की पित्त की थैली पूरी तरह गल गई थी। ऑपरेशन कर मरीजों की जान बचाई गई है। ये सभी मरीज दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल पहुंचे थे। पांचों मरीजों को पेट दर्द, उल्टी की शिकायत थी। इनका सीटी स्कैन किया गया तो सभी रोगियों की पित्त की थैली में गैंग्रीन की पुष्टि हुई। अस्पताल का दावा है की देश में इस प्रकार के ये पहले पांच मामले हैं, जिनमें कोरोना से स्वस्थ होने के बाद पित्त की थैली में गैग्रीन हुआ है। इन मरीजों की उम्र 37 से -75 वर्ष की आयु के हैं और इनमें चार पुरुष और एक महिला है। दो मरीजों को मधुमेह और एक को दिल की बीमारी भी थी। तीन मरीजों ने कोरोना से संक्रमित होने के दौरान स्ट्रेरॉयड लिए थे।
सर गंगाराम अस्पताल के इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर, गैस्ट्रोएंटरलॉजी विभाग के चेयरमैन प्रोफेसर डॉ. अनिल अरोड़ा ने बताया कि पांचों मरीजों की पित्त की थैली गल गई थी, जबकि चार मरीज ऐसे थे, जिनकी थैली फट चुकी थी और इनकी तुरंत सर्जरी जरूरी थी। साथ ही जो सूजन थी, वह अकैल्क्यूलस कोलीसिस्टाइटिस थी, जो कि सूजन का एक गंभीर प्रकार है। यह सूजन मुख्य रूप से कोई बड़ा ऑपरेशन होने, गंभीर शारीरिक चोट लगने, जलने, एचआईवी आदि के कारण से होती है, लेकिन कोविड की वजह से ऐसी स्थिति पहली बार देखी गई है। जिस तरह से कोविड का संक्रमण फेफड़ों में पहुंच जाता है, उसकी तरह यह पित्त की थैली में भी पहुंच गया और गैंग्रीन बन गया।
गैंग्रीन में क्या होती है दिक्कत
डॉ. अनिल अरोड़ा ने बताया कि गैंग्रीन जिस स्थान पर होता है वह हिस्सा धीरे-धीरे गलने लगता है। कुछ ही दिनों में शरीर का वह हिस्सा काला या बैंगनी रंग का दिखना शुरू हो जाता है। इसका एकमात्र इलाज ऑपरेशन ही होता है। इसके ऑपरेशन में शरीर के जितने हिस्से में गैंग्रीन का असर होता है उस हिस्से को काटकर हटा दिया जाता है।
ये लक्षण दिखे तो तुरंत डॉक्टर से मिलें
डॉ. अनिल अरोड़ा ने बताया कि कोरोना को हराने वाले जिन भी मरीज में पेट में दर्द या उल्टी, भूख कम लगना जैसे लक्षण होते हैं, उन्हें तत्काल अस्पताल जाना चाहिए और डॉक्टर की सलाह पर किसी इलाज शुरू करवाना चाहिए। अगर किसी मरीज को पेट में दर्द या सूजन भी महसूस हो रही है तो भी उसे तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। कई मामलों में जल्दी जांच से एंटीबॉयोटिक दवाओं के माध्यम से मरीज को स्वस्थ किया जा सकता है।
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