न्यूज जंक्शन 24, नई दिल्ली। राजनीति भी इंसान से क्या कुछ नहीं करा लेती। अपनी छवि गढ़ने के चक्कर में कई बार नेता ऐसी कारस्तानी कर जाते हैं कि सिर्फ उनकी नहीं, बल्कि शीर्ष स्तर तक पूरी पार्टी की शान धूमिल होने लगती है। छत्तीसगढ़ में भी यही हुआ है। यहां कांग्रेस की नैया उनकी ही पार्टी के कुछ नेताओं ने डुबो दी।
दरअसल, छत्तीसगढ़ में युवक कांग्रेस चुनाव के लिए सदस्यता अभियान शुरू किया गया था, मगर पार्टी के कुछ नेताओं ने कुत्ते-बिल्ली, जानवर, पेड़ और तालाब की फोटो अपडेट करके उन्हें भी पार्टी का सदस्य बना दया। बाद में जब इस फर्जी सदस्यता अभियान का भंडाफोड़ हुआ तो प्रदेश से लेकर दिल्ली तक हड़कंप मच गया। प्रदेश में युवक कांग्रेस चुनाव में 17 लाख सदस्य बने थे, जिसमें से करीब नौ लाख सदस्यता को निरस्त कर दिया गया है।
युवक कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने सभी सदस्यता की जांच कराई, तो पता चला कि सदस्यता एप में नौ लाख सदस्यों को फर्जी तरीके से सदस्यता दी गई। फर्जी सदस्यता के कारण प्रदेश के युवाओं की जेब से करीब साढ़े चार करोड़ रुपये चले गए। युकां सदस्यता के लिए 50 रुपये की फीस रखी गई थी। सदस्यता करने के साथ ही आनलाइन फीस जमा करना था। युकां पदाधिकारियों ने बताया कि सदस्यता अभियान में आठ सेकेंड का वीडियो बनाना था। इसमें भी बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई।
पेड़-पौधों का वीडियो बनाकर डब आवाज के सहारे वीडियो तैयार किया गया था। ऐसी सदस्यता को रिजेक्ट कर दिया गया है। युकां के छत्तीसगढ़ में देश में सबसे ज्यादा सदस्य बने थे। सदस्यता के मामले में युकां ने महाराष्ट्र जैसे बड़ी आबादी वाले राज्य को भी पीछे छोड़ दिया था। बताया जा रहा है कि एक जिले में एक लाख 22 हजार सदस्य बने, जिसमें गलत तरीके से सदस्यता के कारण 84 हजार सदस्यता को रिजेक्ट कर दिया गया।
युवक कांग्रेस के उन नेताओं को केंद्रीय संगठन ने स्क्रूटनी के माध्यम से सख्त संदेश देने की कोशिश की, जो किसी भी तरीके से चुनाव जीतना चाहते थे। युकां के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीवी श्रीनिवास ने फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद आश्वासन दिया था कि एक-एक सदस्यता की जांच कराई जाएगी। 12 मई से 12 जून तक युवक कांग्रेस के सदस्यता अभियान के साथ एप के माध्यम से चुनाव चला। युवक कांग्रेस चुनाव के लिए अध्यक्ष पद के लिए 12 और प्रदेश महासचिव पद के लिए 138 उम्मीदवार मैदान में थे।
युवक कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुबोध हरितवाल ने कहा कि अब तक सदस्यता अभियान की स्क्रूटनी में करीब नौ लाख सदस्यों की सदस्यता को रिजेक्ट किया गया है। इसमें अधिकांश की फोटो का मिलाना मतदाता सूची की फोटो से नहीं हुआ। बहुत सारे सदस्यों की वोटर आइडी संख्या सही नहीं पाई गई। सही तरीके से फार्म जमा नहीं करने और गलत वीडियो बनाने वालों की भी सदस्यता खत्म की गई है।
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