न्यूज जंक्शन 24, देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के परिणाम 10 मार्च को आएंगे। मगर इससे पहले आए एग्जिट पोल के अनुमानों ने सियासी दलों को बेचैन कर दिया है। पार्टियां अपने विधायकों को दूसरे दलोंं में जाने से रोकने के लिए तैयारी में लग गई हैं। खासकर कांग्रेस (Congress MLAs) । पार्टी ने परिणाम बाद के मैनेजमेंट के लिए उत्तराखंड में वरिष्ठ नेता की नियुक्ति कर दी है।
उत्तराखंड में कांग्रेस ने राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र सिंह हुड्डा को जिम्मेदारी दी है। वह देहरादून भी पहुंच चुके हैं। पार्टी नेतृत्व ने उन्हें त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति में विशेष ध्यान रखने की जिम्मेदारी दी है। कांग्रेस के इस कदम का मकसद गोवा, उत्तराखंड, मणिपुर और पंजाब में त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति में कांग्रेस को एकजुट रखना है। बताया ये भी जा रहा है कि पार्टी अपने विधायकों (Congress MLAs) को कांग्रेस शासित राज्यों में शिफ्ट कर सकती है।
पंजाब और गोवा में भी दी जिम्मेदारी
कांग्रेस ने उत्तराखंड की ही तरह पंजाब, मणिपुर और गोवा में भी पर्यवेक्षक नियुक्त किए हैं। कर्नाटक कांग्रेस के प्रमुख डी के शिवकुमार गोवा में विशेष पर्यवेक्षक होंगे। वहीं पार्टी महासचिव मुकुल वासनिक और छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव के अलावा विन्सेंट पाला को मणिपुर में नियुक्त किया गया है। महासचिव अजय माकन और पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा को पंजाब के लिए विशेष पर्यवेक्षक के तौर पर तैनात किया गया है।
पिछले गोवा विधानसभा चुनाव से लिया सबक
विशेष पर्यवेक्षकों की नियुक्ति उन राज्यों में सरकार बनाने के लिए कांग्रेस की रणनीति का हिस्सा है जहां किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलता है। सूत्रों का कहना है नवनिर्वाचित विधायकों (Congress MLAs) को कांग्रेस शासित राज्यों में स्थानांतरित करने की भी योजना है। बीते चुनाव परिणामों से सबक लेते हुए कांग्रेस इस बार काफी सतर्क है। पिछले गोवा चुनावों में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने के बावजूद कांग्रेस (Congress MLAs) वहां अपनी सरकार बनाने में विफल रही थी।
ऐसे ही लेटेस्ट व रोचक खबरें तुरंत अपने फोन पर पाने के लिए हमसे जुड़ें
हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें।
हमारे यूट्यब चैनल से जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें।
हमारे टेलीग्राम ग्रुप से जुड़ने के लिए क्लिक करें।
हमारे फेसबुक ग्रुप से जुड़ने के लिए क्लिक करें।