नैनीताल। कुंभ मेले में कोरोना जांच फर्जीवाड़ा मामले में बुधवार को उच्च न्यायालय ने मैक्स कॉरपोरेट की याचिका पर सुनवाई की। न्यायाधीश न्यायमूर्ति एनएस धानिक की एकलपीठ ने मैक्स की पार्टनर मल्लिका पंत द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने अर्नेश कुमार बनाम बिहार राज्य में सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय को अाधार बनाकर याचिकाकर्ता को बिना नोटिस दिए गिरफ्तारी पर रोक लगा दी। कोर्ट ने कहा कि जांच अधिकारी द्वारा आरोपित को नोटिस दिया जाना उसका वैधानिक संरक्षण है। इसलिए जांच अधिकारी को आरोपित को गिरफ्तार करने से पहले उसे नोटिस देना जरूरी है। न्यायालय ने जांच अधिकारी को धारा 41 सीआरपीसी के तहत प्रदान की गई प्रक्रिया का पालन करने का निर्देश दिया है।
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याचिकाकर्ता के अधिवक्ता डॉ. कार्तिकेय हरि गुप्ता ने अदालत को बताया कि हम जांच में शामिल होने के लिए तैयार हैं और निश्चित रूप से अदालतों के आदेश का पालन करते हुए जांच अधिकारी के सामने पेश होंगे। इस पर कोर्ट ने याचिकाकर्ता को जांच में शामिल होने और 25 जून को जांच अधिकारी के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने याचिका का अंतिम रूप से निस्तारण कर दिया गया है। उल्लेखनीय है कि हरिद्वार महाकुंभ के दौरान कोविड टेस्ट में फर्जीवाड़ा के मामले में हरिद्वार के मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा मैक्स के साथ ही दो लैबों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। मैक्स ने याचिका में प्राथमिकी निरस्त करने व गिरफ्तारी पर रोक लगाने की प्रार्थना की थी।