उत्तराखंड में मानसून की तेज बारिश ने भारी तबाही मचा दी है, जिससे भूस्खलन की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। इसी कड़ी में देहरादून-मसूरी मार्ग सोमवार सुबह फिर से बंद हो गया। गलोगी के पास पहाड़ी से बड़ी मात्रा में मलबा गिरने से सड़क पूरी तरह अवरुद्ध हो गई है, जिससे दोनों तरफ लंबा जाम लग गया है। मलबा हटाने के लिए लाई गई जेसीबी मशीन खराब हो जाने से सफाई में देरी हो रही है।
पुलिस ने बताया कि देहरादून से मसूरी की ओर आ रहे वाहनों को कोठालगेट के पास रोक दिया गया है। मलबा हटाने में तीन से चार घंटे लग सकते हैं। दूसरी जेसीबी मशीन मंगवाई जा रही है ताकि जल्द से जल्द मार्ग खोला जा सके। फिलहाल कई पर्यटक और स्थानीय लोग रास्ते में फंसे हुए हैं।
देहरादून-मसूरी और मसूरी-धनौल्टी मार्ग पर लैंडस्लाइड की समस्या पुरानी है, खासकर मॉनसून के मौसम में भूस्खलन होने के कारण स्थानीय लोग और पर्यटक अक्सर परेशान होते हैं।
पिछले सोमवार को हुई भारी बारिश ने मसूरी में भीषण तबाही मचाई थी। इस दौरान देहरादून-मसूरी रोड कई जगह टूट गया था, साथ ही मसूरी रोड पर शिव मंदिर के ऊपर स्थित ब्रिटिश कालीन पुल भी क्षतिग्रस्त हो गया था, जिससे करीब दो दिन मार्ग बंद रहा। बाद में टूटे पुल की जगह बेली ब्रिज लगाया गया और करीब दो हजार पर्यटकों को सुरक्षित निकाला गया।
बारिश ने न केवल देहरादून-मसूरी मार्ग को नुकसान पहुंचाया, बल्कि आसपास के कई इलाकों में भी भारी तबाही हुई। मसूरी के आस-पास के गांवों में अब भी बारिश की आपदा के निशान देखे जा सकते हैं, जहां कई परिवारों का सारा सामान तबाही में बर्बाद हो चुका है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने आपदा प्रभावित इलाकों का दौरा कर प्रभावितों को हर संभव सहायता का भरोसा दिया था। हालांकि, सोमवार की सुबह फिर से हुए भूस्खलन ने प्रशासन और स्थानीय लोगों की चिंता बढ़ा दी है।







