देहरादून। उत्तराखंड चुनाव से पहले हरक सिंह रावत के कांग्रेस में शामिल होने को लेकर फिर अटकलों की हवा चलने लगी है। हरक सिंह रावत ने अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत को बड़ा भाई बताते हुए उनसे माफी मांगी है। हालांकि उन्होंने इस बयान में यह साफ तौर पर कहा कि वह कांग्रेस में वापसी के लिए माफी नहीं मांग रहे हैं, लेकिन सियासी अर्थ तो इस बयान के निकल ही रहे हैं।
हाल ही में यशपाल आर्य और उनके विधायक बेटे संजीव आर्य के कांग्रेस में शामिल होने के बाद से ही हरक सिंह रावत के भी कांग्रेस में शामिल होने को लेकर चर्चाएं लगातार चल रही हैं। हरक सिंह रावत और विधायक उमेश शर्मा काऊ की दो बार नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह से मुलाकात भी हो चुकी है। ऐसे में कहा जा रहा है कि विधानसभा चुनाव से पहले हरक सिंह रावत भाजपा काे झटका देकर घर वापसी कर सकते हैं।
अब रावत के हरदा से माफी मांगने के बाद इस बात की चर्चा फिर तेज हो गई है। इसे लेकर हरक सिंह रावत ने मीडिया से बताया है कि हरीश रावत बड़े भाई हैं, उन्हें पूरा अधिकार है कि वो मुझे कुछ भी कहें। मैं उनसे माफी मांग रहा हूं लेकिन इसलिए नहीं कि मुझे कांग्रेस में वापसी चाहिए, बल्कि इसलिए कि हरीश रावत जी बड़े हैं। लेकिन हरीश रावत से माफी मांगने के क्या सियासी मायने निकल रहे हैं?
पिछले दिनों यशपाल आर्य की कांग्रेस में वापसी के तुरंत बाद हरीश रावत ने एक बड़ा बयान देते हुए कहा था कि 2017 में कांग्रेस पार्टी की सरकार गिराने वालों यानी 2016 से पार्टी को छोड़कर जाने वालों को वापसी के लिए माफी मांगनी पड़ेगी। इस बयान में रावत ने ऐसे विधायकों या नेताओं को ‘महापापी’ भी कहा था। इस बयान के संदर्भ में समझा जा सकता है कि हरक सिंह रावत का माफीनामा कितना महत्वपूर्ण संकेत हो सकता है।
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