द्रौपदी मुर्मू ने की खूब सेंधमारी, 104 विधायकों और 17 सांसदों ने की क्रॉस वोटिंग, बनाए ये 7 बड़े रिकॉर्ड

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# Draupadi Murmu
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न्यूज जंक्शन 24, नई दिल्ली। द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) देश की नई राष्ट्रपति होंगी। 25 जुलाई को वह देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर आसीन हो जाएंगी। मुर्मू देश की पहली महिला आदिवासी राष्ट्रपति होंगी। विपक्षी उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को उन्होंने मतों के भारी अंतर से शिकस्त दी। उनकी भारी भरकम जीत में कई विपक्षी दलों के नेताओं का भी हाथ रहा है। इस चुनाव में दलगत राजनीति से हटकर भी वोटिंग हुई है। आंकड़े भी कुछ इसी तरफ इशारा करते हैं. दरअसल, मुर्मू और सिन्हा के बीच टक्कर में 104 विधायक और 17 सांसदों ने क्रॉस वोटिंग की। मुर्मू के शपथ ग्रहण करते ही उनके नाम एक या दो नहीं बल्कि 7 बड़े रिकॉर्ड दर्ज होंगे।

खूब हुई क्रॉस वोटिंग

मुर्मू (Draupadi Murmu) की भारी जीत में विपक्षी नेताओं द्वारा किए गए क्रॉस वाेटिंग का बड़ा हाथ है। चुनाव में 4,754 वैध निर्वाचकों में द्रौपदी मुर्मू को 2,824 वोट मिले, जिनमें 540 सांसदों के वोट भी शामिल हैं। वहीं यशवंत सिन्हा को 1,187 मत मिले, जिनमें 208 सांसदों के वोट भी शामिल हैं। अगर क्रॉस वोटिंग की बात की जाए तो असम का नंबर पहला है। यहां के 22 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की। इसके बाद मध्य प्रदेश का नंबर है जहां 19 ने क्रास वोटिंग की। जबकि राजस्थान के 16, मेघालय के भी 16, झारखंड और गुजरात के 10-10, छत्तीसगढ़ के 6, गोवा के 4, हिमाचल के 2 और हरियाणा के एक विधायक ने क्रॉस वोटिंग की। जबकि 17 सांसदों ने भी पार्टी लाइन से हटकर द्रौपदी मुर्मू को वोट दिया।

मुर्मू के नाम हुए ये 7 रिकार्ड
  1. पहली आदिवासी राष्ट्रपति : मुर्मू देश की पहली आदिवासी हैं जो राष्ट्रपति के पद तक पहुंची। आज तक कोई भी राष्ट्रपति आदिवासी समाज से नहीं बना है।
  2. पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति : द्रौपदी मुर्मू महिला हैं। इसलिए पहली महिला आदिवासी राष्ट्रपति होने का रिकॉर्ड भी मुर्मू के नाम ही दर्ज होगा।
  3. आजादी के बाद जन्म लेने वाली पहली राष्ट्रपति : आज तक बने सभी राष्ट्रपतियों का जन्म आजादी से पहले यानी 1947 से पहले हुआ था। द्रौपदी मुर्मू पहली राष्ट्रपति हैं, जिनका जन्म आजादी के बाद हुआ है। मुर्मू का जन्म 20 जून 1958 को हुआ है।
  4. सबसे कम उम्र का राष्ट्रपति : 64 साल की द्रौपदी मुर्मू देश की सबसे कम उम्र की राष्ट्रपति होंगी। मुर्मू से पहले ये रिकॉर्ड नीलम संजीव रेड्डी के नाम था। रेड्डी जब राष्ट्रपति बने तब उनकी उम्र 64 साल दो महीने थी। वहीं, मुर्मू जब शपथ लेंगी तब उनकी उम्र 64 साल एक महीने होगी।
  5. दूसरी महिला राष्ट्रपति : द्रौपदी मुर्मू के नाम दूसरी महिला राष्ट्रपति होने का रिकॉर्ड भी दर्ज होगा। मुर्मू से पहले 2007 से 2012 तक प्रतिभा देवी सिंह पाटिल राष्ट्रपति रह चुकी हैं।
  6. ओडिशा से पहली राष्ट्रपति : आज तक कोई भी राष्ट्रपति ओडिशा से नहीं बना था। द्रौपदी मुर्मू पहली राष्ट्रपति होंगी जो ओडिशा की रहने वाली हैं। इससे पहले वीवी गिरी ऐसे राष्ट्रपति थे जिनका ओडिशा से संबध था। उनका जन्म मद्रास प्रेसिडेंसी के बहरामपुर में हुआ था, जो अब ओडिशा में है। हालांकि, गिरी तेलुगु परिवार से संबंध रखते थे। उनकी कर्मभूमि आंध्र प्रदेश रही।
  7. भाजपा की पृष्ठभूमि से आने वाली दूसरी राष्ट्रपति : मुर्मू दूसरी ऐसी राष्ट्रपति होंगी जो भारतीय जनता पार्टी की पृष्ठभूमि से आती हैं। मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भाजपा की पृष्ठभूमि से आने वाले पहले राष्ट्रपति थे, जिनकी पूरी राजनीति भाजपा से जुड़ी रही।

मुर्मू के बारे में जानिए सब कुछ

द्रौपदी मुर्मू का जन्म ओडिशा के मयूरगंज जिले के बैदपोसी गांव में 20 जून 1958 को हुआ था। वह सैंथलआदिवासी जातीय समूह से संबंध रखती हैं। उनके पिता का नाम बिरांची नारायण टुडू एक किसान थे। द्रौपदी के दो भाई हैं। भगत टुडू और सरैनी टुडू। द्रौपदी की शादी श्यामाचरण मुर्मू से हुई। उनसे दो बेटे और दो बेटी हुई। साल 1984 में एक बेटी की मौत हो गई। द्रौपदी का बचपन बेहद अभावों और गरीबी में बीता था। वह झोपड़ी में रहती थीं। लेकिन अपनी स्थिति को उन्होंने अपनी मेहनत के आड़े नहीं आने दिया। उन्होंने भुवनेश्वर के रमादेवी वूमेंस कॉलेज से स्नातक तक की पढ़ाई पूरी की। बेटी को पढ़ाने के लिए द्रौपदी मुर्मू शिक्षक बन गईं।

उन्होंने 1979 से 1983 तक सिंचाई और बिजली विभाग में जूनियर असिस्टेंट के रूप में भी कार्य किया। इसके बाद 1994 से 1997 तक उन्होंने ऑनरेरी असिस्टेंट टीचर के रूप में कार्य किया था। 1997 में उन्होंने पहली बार चुनाव लड़ा। ओडिशा के राइरांगपुर जिले में पार्षद चुनी गईं। इसके बाद वह जिला परिषद की उपाध्यक्ष भी चुनी गईं। वर्ष 2000 में विधानसभा चुनाव लड़ीं। राइरांगपुर विधानसभा से विधायक चुने जाने के बाद उन्हें बीजद और भाजपा गठबंधन वाली सरकार में स्वतंत्र प्रभार का राज्यमंत्री बनाया गया। 2002 में मुर्मू को ओडिशा सरकार में मत्स्य एवं पशुपालन विभाग का राज्यमंत्री बनाया गया। 2006 में उन्हें भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। 2009 में वह राइरांगपुर विधानसभा से दूसरी बार भाजपा के टिकट पर चुनाव जीतीं। इसके बाद 2009 में वह लोकसभा चुनाव भी लड़ीं, लेकिन जीत नहीं पाईं। 2015 में द्रौपदी को झारखंड का राज्यपाल बनाया गया। 2021 तक उन्होंने राज्यपाल के तौर पर अपनी सेवाएं दीं।

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