न्यूज जंक्शन 24, नई दिल्ली। बिहार से एक चौंकाने वाली खबर है। यहां कई महीनों से फर्जी थाना खुला हुआ था। पुलिसकर्मी भी फर्जी तैनात थे। जब असली पुलिस को इस थाने के बारे में पता चला तो उनके भी होश उड़ गए। मामला राज्य के बांका शहर का है। यहां के अनुराग गेस्ट हाउस में चल रहे एक फर्जी थाने का पुलिस ने बुधवार सुबह भंडाफोड़ किया। यह फर्जी थाना आठ महीने से स्थानीय लोगों से रंगदारी वसूल रहा था। पुलिस ने फर्जी पुलिस कर्मी बने एक पुरुष और एक महिला समेत पांच लोगों को हिरासत में लिया हैं।
पुलिस अधिकारी होने का दिखावा करने वाली युवती अनीता देवी के पास भी पिस्टल बरामद हुई है। उसने कहा कि उच्च अधिकारियों ने उसे यह “कट्टा” एक प्रशिक्षण उपकरण के रूप में दिया था। उन्होंने कहा कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उन्हें बहाल करने का आदेश दिया था। पुलिस ने सुल्तानगंज के खानपुर निवासी जूली कुमारी और फुल्लीदुमार के लोधिया गांव निवासी रमेश कुमार जो फर्जी थाने में क्लर्क के पद पर कार्यरत था, को भी गिरफ्तार किया है। भागलपुर जिले के खानपुर के मूल निवासी आकाश कुमार को भी कई अन्य दस्तावेजों और एक पुलिस वर्दी के साथ गिरफ्तार किया गया था।
पुलिस की पूछताछ के बाद सभी आरोपियों ने स्वीकार किया कि वे अपने वरिष्ठ अधिकारी भोला यादव के आदेश का पालन कर रहे हैं। आरोपी भोला यादव फुलीदुमार पड़ोस में रहता है। आरोपियों ने कहा कि उन्हें उनकी सेवाओं के लिए 500 रुपये का दैनिक वेतन मिलता है। इसके अतिरिक्त, उनके निजी शेफ को गेस्ट होम से पुलिस ने हिरासत में ले लिया, और वर्तमान में उनसे पूछताछ की जा रही है।