उत्तराखंड के चंपावत जिले में लंबे समय से आतंक मचाने वाला आदमखोर गुलदार आखिरकार वन विभाग की टीम के हाथ लग गया। लोहाघाट तहसील के बाराकोट ब्लॉक स्थित चुयरानी के धरगड़ा तोक में शुक्रवार देर रात वन विभाग ने गुलदार को ट्रेंकुलाइज कर पिंजरे में कैद किया। इस कार्रवाई से स्थानीय ग्रामीणों और प्रशासन को बड़ी राहत मिली।
जानकारी के अनुसार, यह वही गुलदार था जिसने 09 दिसंबर को 45 वर्षीय देव सिंह अधिकारी को घायल कर गंभीर खतरे में डाल दिया था। इस घटना के बाद इलाके में लोगों में दहशत फैल गई थी और अधिकांश ग्रामीण अपने घरों में दुबक कर रहने को मजबूर हो गए थे। प्रशासन और वन विभाग ने सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इलाके में लगातार गश्त, पिंजरे और थर्मल कैमरों से निगरानी रखी। जिलाधिकारी चंपावत मनीष कुमार ने भी खुद मौके का निरीक्षण कर सुरक्षा उपायों का जायजा लिया।
गुलदार को पकड़ने के अभियान में वन विभाग की पूरी टीम ने सक्रिय भूमिका निभाई। इसमें SDO सुनील कुमार, डॉ. हिमांशु पांगती, रेंजर राजेश जोशी और फॉरेस्टर प्रकाश गिरि सहित कई वनकर्मी शामिल थे। स्थानीय युवाओं ने भी इस अभियान में सहयोग किया। गुलदार को पिंजरे में पकड़ने के लिए वन विभाग ने शिकार का इस्तेमाल किया। पहले प्रयास में गुलदार पिंजरे में नहीं आया, लेकिन अगले दिन उसने शिकार का लालच देकर पिंजरे में प्रवेश किया और कैद हो गया।
वन विभाग ने बताया कि एहतियात के तौर पर प्रभावित इलाके में नियमित गश्त जारी रहेगी, ताकि भविष्य में किसी भी तरह के हमले से ग्रामीण सुरक्षित रहें। स्थानीय लोगों ने वन विभाग की तत्परता और पेशेवर कार्यशैली की सराहना की और कहा कि प्रशासन और वनकर्मियों की सक्रियता से क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ी है। गुलदार के पकड़ में आने से बाराकोट और आसपास के क्षेत्रों में फैली दहशत कम हुई है, और ग्रामीण अब सुरक्षित महसूस कर रहे हैं।



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