न्यूज जंक्शन 24, देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए मतदान के बाद से ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (Former CM Harish Rawat) एक के बाद एक बयान देते जा रहे हैं। उनके इन बयानों के कई मतलब भी निकलते रहते हैं। पहले पूर्व सीएम हरीश रावत ने पंजाब की तरह उत्तराखंड में भी दलित चेहरे को मुख्यमंत्री बनाने की बात कही थी, लेकिन मतदान के बाद से वह खुद को मुख्यमंत्री बनाने या घर बैठने की बात कहते नजर आने लगे थे। वहीं, अब उन्होंने फिर से दलित सीएम का राग आलापना शुरू कर दिया है।
मतदान खत्म होते ही हरीश रावत (Former CM Harish Rawat) मुख्यमंत्री पद को लेकर लगातार बयानबाजी कर रहे हैं। चुनाव से पहले हरीश रावत ने किसी दलित को उत्तराखंड का मुख्यमंत्री बनाने की इच्छा जाहिर की थी और इसके ठीक बाद उन्होंने यशपाल आर्य और उनके बेटे को कांग्रेस में शामिल करवाया था। इसके बाद हरीश रावत का नया बयान आया कि प्रदेश में मुख्यमंत्री वहीं बनेगा, जिसे विधायक अपना नेता चुनेंगे।
उसके कुछ ही दिनों बाद सब ने देखा कि कैसे हरीश रावत (Former CM Harish Rawat) ने खुद को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने के लिए पार्टी पर दबाव बनाया और खुद के मुख्यमंत्री बनने या घर बैठने की बात तक कह डाली। वहीं, एक बार फिर से हरीश रावत (Former CM Harish Rawat) ने सीएम पद को लेकर दलित चेहरे का राग छेड़ा हैं। उन्होंने कहा कि वह भी चाहते हैं कि पंजाब की तरह उत्तराखंड में भी किसी दलित चेहरे को मुख्यमंत्री बनाया जाए और वह अपने राजनीतिक करियर में एक बार ऐसा देखना चाहते हैं।
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