रुद्रपुर। चार वर्षीय पुत्र की हंसिए से हत्या करने के दोषी उसके पिता को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। शुक्रवार को प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुशील तोमर की अदालत ने इस जघन्य वारदात में दोषी ठहराए गए पिता को यह सजा सुनाई। साथ ही उस पर तीन हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।
यह मामला 2014 का है। मृतक बच्चे के नाना नानकमत्ता निवासी पानदेव असवाल ने तब पुलिस को तहरीर देकर बताया था कि उसने अपनी बेटी चंपा देवी की शादी खटीमा के मझोला दुगाड़ीगोठ निवासी ललित मोहन भट्ट से की थी। विवाह के बाद उनके तीन पुत्र हुए, मगर बेटी का वैवाहिक जीवन अच्छा नहीं रहा। ललित अक्सर पत्नी और बच्चों की पिटाई करता था। इस बीच 13 फरवरी 2014 की शाम सात बजे मामूली बात पर उसने चार वर्षीय बेटे नीरज को हंसिया से काट डाला। बचाने पहुंची चंपा पर भी ललित ने जानलेवा हमला कर दिया था। पुलिस ने हंसिया के साथ गिरफ्तार कर ललित को जेल भेज दिया था। गवाहों और पुलिस की ओर से प्रस्तुत साक्ष्यों के आधार पर शुक्रवार को अदालत ने ललित को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता दीपक अरोड़ा ने बताया कि कोर्ट ने हत्यारे ललित पर तीन हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
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