उत्तराखंड के टिहरी में किशोरी से सामूहिक दुष्कर्म मामले में विशेष न्यायाधीश पोक्सो एक्ट योगेश कुमार गुप्ता की अदालत ने दो आरोपियों में अलीम व अजहरूद्दीन को आजीवन करावास की सजा सुनाने के साथ अर्थदंड लगाया है। अर्थदंड न देने पर 6-6 माह के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतने का आदेश दिया है।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता महेंद्र सिंह बिष्ट के अनुसार पीड़िता के पिता ने 18 जनवरी 2022 को थाना कोतवाली नई टिहरी में प्रार्थना पत्र दिया कि उसकी 10वीं कक्षा में पढ़ने वाली पुत्री 17 जनवरी 2022 को अपने घर से स्कूल के लिए गई। लेकिन वह घर नहीं आई और एक मोबाईल नंबर से पीड़िता ने अपने परिजनों को बताया कि अपनी सहेली के साथ खेलकूद में गई है। उसे आने में देर हो जाएगी। लेकिन पीड़िता घर नहीं आई।
मोबाईल नंबर की छानबीन पर पता चला कि यह नंबर अजहरूद्दीन पुत्र अहसान निवासी निर्बल आवास ढुंगीधार का है। जिस पर पुलिस ने पीड़िता को ढुंढने का काम शुरू किया। मेडिकल रिपोर्ट में सामूहिक दुष्कर्म की पुष्टि हुई।शासकीय अधिवक्ता ने मामले में 15 गवाह अदालत में प्रस्तुत किए।
जिसके आधार पर पोक्सो न्यायधीश ने मामले में अलीम व अजहरूद्दीन को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही 10-10 हजार के अर्थदंड की सजा देते हुए अर्थदंड न देने पर 6-6 माह अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतने के आदेश दिए। राज्य सरकार को पीड़ीता को ढाई लाख रूपये प्रतिकर के रूप में देने को भी आदेशित किया है।