न्यूज जंक्शन 24, नई दिल्ली। बेटियों की शादी की उम्र (Girls marriage age) 18 से बढ़ाकर 21 साल करने करने के प्रस्ताव पर केंद्रीय कैबिनेट ने मुहर लगा दी है। बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को पास कर दिया गया। अब केंद्र सरकार मौजूदा कानूनों में संशोधन के लिए संसद में प्रस्ताव पेश करेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2020 को लाल किले से अपने संबोधन में लड़कियों की शादी की उम्र (Girls marriage age) 21 साल करने का उल्लेख किया था। उन्होंने कहा था कि बेटियों को कुपोषण से बचाने के लिए जरूरी है कि उनकी शादी उचित समय पर हो। इसी को देखते हुए केंद्रीय कैबिनेट ने बेटियों की शादी की उम्र (Girls marriage age) बढ़ाने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। मौजूदा कानून के मुताबिक, देश में पुरुषों की विवाह की न्यूनतम उम्र 21 और महिलाओं की 18 साल है, लेकिन सरकार अब महिलाओं को सशक्त करने के लिए उनकी शादी की उम्र बढ़ाने पर विचार कर रही है। सरकार बाल विवाह निषेध कानून, स्पेशल मैरिज एक्ट और हिंदू मैरिज एक्ट में संशोधन करेगी।
महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए उठाया गया कदम
केंद्र सरकार ने साल 2020 के जून माह में इसको लेकर टास्क फोर्स का गठन भी किया था। टास्क फोर्स ने उसी साल लड़कियों के विवाह की आयु (Girls marriage age) बढ़ाने के प्रस्ताव पर अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। समता पार्टी की पूर्व सदस्य और टास्क फोर्स की प्रमुख जया जेटली ने इसकी सिफारिश की थी। यह कदम महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए था न कि जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए। टास्क फोर्स का कहना था कि पहले बच्चे को जन्म देते समय बेटियों की उम्र 21 साल से होनी चाहिए। विवाह में देरी का परिवारों, महिलाओं, बच्चों और समाज के आर्थिक, सामाजिक और स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
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