बरेली। इंटरनेट पर अश्लील और हिंसक सामग्री की भरमार को देखते हुए बरेली के स्कूलों ने गूगल सर्च इंजन के प्रयोग पर रोक लगानी शुरू कर दी है। इसकी जगह किडी सर्च इंजन kidy.co के प्रयोग को प्रेरित किया जा रहा है। किडी गूगल का ही बच्चों के लिए बनाया गया सर्च इंजन है।
पढ़ाई में इंटरनेट का प्रयोग काफी बढ़ चुका है। होमवर्क और प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए छात्रों का इंटरनेट पर जाना जरूरी है। अधिकांश छात्र इसके लिए गूगल का ही प्रयोग करते हैं। कई बार गूगल पर कोई चीज सर्च करते समय अश्लील सामग्री भी सामने आ जाती है। तमाम बार यह विज्ञापन के रूप में भी सामने आती है। इसका बच्चों पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इसे देखते हुए गूगल ने बच्चों के लिए विशेष रूप से किडी सर्च इंजन बनाया है।

अब इस सर्च इंजन को बरेली के स्कूलों में प्रमोट किया जा रहा है। सबसे पहले एसआर इंटरनेशनल स्कूल ने इसका प्रयोग शुरू कराया है। स्कूल ने अपने अभिभावकों को मैसेज भेज कर किडी सर्च इंजन का ही प्रयोग करने को कहा है। विद्या भवन, पद्मावती, सेक्रेड हार्ट्स जैसे स्कूलों ने भी इसी राह पर चलने का फैसला किया है।
अभिभावक किडी.को का करें प्रयोग
एसआर इंटरनेशनल स्कूल की मैनेजिंग डायरेक्टर रूमा गोयल ने बताया कि किडी पर अश्लील सामग्री नहीं है। हमने अभिभावकों को बोला है कि वो अपने मोबाइल और लैपटॉप में वाई डिफॉल्ट सेटिंग के रूप में किडी.को को ही रखें। स्कूल में भी बच्चों को किडी.को के जरिए ही इंटरनेट का प्रयोग करना सिखाया जा रहा है।
दीर्घकाल में दिखेगा इसका लाभ
मनोवैज्ञानिक डॉ हेमा खन्ना ने कहा कि स्कूल का यह फैसला बेहद सराहनीय है। इसका लाभ दीर्घकाल में दिखेगा आजकल बचपन से ही बच्चे एडल्ट कंटेंट देखने लगते हैं। इसका उनके ऊपर बड़ा बुरा प्रभाव पड़ता है।
यह है किडी.को की खासियत
-फैमिली फ्रेंडली सर्च इंजन
-किड्स ओरिएंटेड रिजल्ट
-बच्चों के लिए सरल भाषा
-एडल्ट कंटेंट फ्री
-गूगल फिल्टर के जरिये कंटेंट चेकिंग