नैनीताल। रोडवेज कर्मचारियों को पांच महीने से वेतन न देने पर उत्तराखंड सरकार हाई कोर्ट में घिर गई है। कोर्ट ने सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए सबूतों के साथ यह बताने को कहा है कि पूर्व में कोर्ट ने जो आदेश दिए थे कि सरकार निगम की सहायता के लिए 20 करोड़ रुपये सीएम रिलीफ फंड और 20 करोड़ रुपये हिललॉस के लिए दें, ये पैसा सरकार ने दिए या नहीं। कोर्ट ने इसके लिए एक हफते का समय देते हुए 25 जून को शपथपत्र के साथ पेश होने को कहा है। साथ ही परिवहन निगम के मैनेजिंग डायरेक्टर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश होने को भी कहा है।
शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में रोडवेज कर्मियों को लॉकडाउन के दौरान का फरवरी 2021 से जून 2021 तक का वेतन नहीं दिए जाने के खिलाफ़ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान निगम से पूछा कि अभी तक निगम कर्मियों को चार माह का वेतन क्यों नही दिया गया, जिस पर निगम की तरफ से कोर्ट को बताया कि उनके पास बजट नहीं है ।
कोर्ट ने पूर्व के आदेश का संज्ञान लेते हुए सरकार से पूछा कि आपने जो 20 करोड़ रुपया सीएम फंड से देने की बात कही थी, उसे दिया या नही। जिस पर सरकार ने कोर्ट को बताया कि दे दिया है। इस पर कोर्ट ने सरकार से प्रमाण पेश करने को कहा, जिस पर सरकार मौन रही। इस पर कोर्ट ने सख्त नाराजगी व्यक्त करते हुए सरकार से 25 को सबूतों के साथ शपथपत्र पेश करने को कहा। कोर्ट ने सरकार से यह भी बताने को कहा है कि निगम की 250 करोड़ रुपये की सम्पति, जो देहरादून हरिद्वार रोड पर स्थित है, उसका क्या हुआ?
रोडवेज कर्मचारी यूनियन की जनहित याचिका में कहा गया है कि निगम ने कर्मचारियों को लॉक डाउन के दौरान का वेतन नही दिया है, न ही पूर्व कर्मचारीयो को पेंशन व अन्य देयकों का भुगतान किया जा रहा है। सरकार परिसम्पत्तियों के बंटवारे के मामले में भी उदासीन है।जबकि यूपी परिवहन निगम के पास करोड़ो रूपये बकाया है।