न्यूज जंक्शन 24, देहरादून। आय से अधिक संपत्ति मामले में आईएएस रामविलास यादव को धामी सरकार ने सस्पेंड कर दिया है। वहीं, रिटायरमेंट से पहले ही उनपर गिरफ्तारी की तलवार लटकती नजर आ रही है। हाईकोर्ट में गिरफ्तारी पर रोक लगाने के लिए यादव ने याचिका दायर की है, लेकिन हाई कोर्ट ने उन्हें पहले विजिलेंस के सामने पेश होने के निर्देश दिए थे।
इसके बाद यादव आज विजिलेंस के ऑफिस पूछताछ के लिए पहुंचे थे। IAS रामविलास यादव के अधिवक्ता अभिनव शर्मा ने बताया कि, कोर्ट के आदेश अनुसार यादव विजिलेंस जांच में सहयोग के लिए पहुंचे हैं। उन्हें कई दस्तावेज लेकर यहां बुलाया गया था, जिसको जांच के सहयोग में लाया जाएगा।
अधिवक्ता शर्मा ने कहा कि रामविलास पर लगाए गए आरोप किस आधार पर जांच के दायरे में आए ये बड़ा सवाल है। विजिलेंस को जिस भी दस्तावेजों में जांच चाहिए उसका पूरा सहयोग किया जाएगा और हर दस्तावेज और जांच का जवाब कोर्ट में उपलब्ध कराया जाएगा।
आइएएस रामबिलास यादव 2019 में उत्तर प्रदेश से उत्तराखंड आए थे। उन पर उत्तर प्रदेश में आय से अधिक संपत्ति के मामले में विजिलेंस जांच चल रही थी। उत्तर प्रदेश ने यह जांच उत्तराखंड स्थानांतरित कर दी थी।
इसके बाद हाल ही के दिनों में विजिलेंस ने उनके ठिकानों पर छापा मारा था। देहरादून, लखनऊ के साथ कुल 4 स्थानों पर बड़ी छापेमारी की कार्रवाई की गई थी, जिसमें आय से अधिक संपत्ति के मामले में कई दस्तावेज भी बरामद हुए थे। विजिलेंस सूत्रों का कहना है कि देहरादून में आय से अधिक संपत्ति मामले में कई अहम कागजात भी बरामद हुए हैं, जिसमें फ्लैट के कागज भी शामिल हैं। इसी तरह से गाजियाबाद के फ्लैट के कागजात भी बरामद हुए हैं. विजिलेंस की जांच में उसकी कीमत तकरीबन 15 करोड़ बताई जा रही है।