नैनीताल। हाईकोर्ट ने हरिद्वार कुंभ को लेकर प्रदेश सरकार को झटका दे दिया है। कोर्ट ने सरकार के आदेश को खारिज करते हुए कुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए कोविड निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य कर दिया है। साथ ही कहा है कि जिनके पास निगेटिव रिपोर्ट नहीं और अगर वे कोरोना का दोनों टीका लगवा चुके हैं तो उन्हें वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट भी लानी होगी।
बुधवार को यह आदेश देते हुए मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान व न्यायमुर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि मेले में की गई व्यवस्थाअों की रिपोर्ट भी तलब की है।
सरकार ने जारी किया आदेश, मेले की एसओपी आज या कल तक
हाई कोर्ट की सख्ती के बाद सरकार ने भी श्रद्धालुओं के लिए में मेले में आने के लिए कोविड निगेटिव रिपोर्ट साथ लाना अनिवार्य कर दिया है। मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने कहा है कि हरिद्वार कुंभ में 72 घंटे पहले तक कोविड की निगेटिव रिपोर्ट या वैक्सीनेशन रिपोर्ट मान्य होगी। राज्य और केंद्र की गाइडलाइन का पूरा पालन होगा। इस संबंध में उच्च न्यायालय के स्पष्ट आदेश हैं, इनका पूरी तरह पालन किया जएगा। आज या कल कुंभ की एसओपी जारी हो जाएगी। बता दें कि पूर्व मुख्यंंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मेलार्थियों के लिए कोविड निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य किया था, मगर उनके हटने पर बने नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने उस आदेश को पलटते हुए कोविड रिपोर्ट की अनिवार्यता खत्म कर दी थी। अब सरकार ने कोविड रिपोर्ट फिर से अनिवार्य कर दिया है।
महिलाओं के स्नानागार की व्यवस्था नहीं, लोग बना रहे वीडियो
कोर्ट में सुनवाई के दाैरान मेले की व्यवस्थाओं का भी मुद्दा उठा। याचिकाकर्ता दुरूमंत मैनाली और सच्चिदानंद डबराल के अधिवक्ता शिव भट्ट ने कहा कि मेलाधिकारी ने हर की पैडी व मेला क्षेत्र में बहुत अच्छा काम किया है, परंतु जहां पर महिलाएं स्नान कर रही हैं, उनके वाशरूम अच्छी स्थिति में नहीं है, उनमें सुविधाओ का अभाव है। कुछ लोग स्नान कर रहीं महिलाओं की वीडियो भी बना रहे, जो उनकी गरिमा के खिलाफ है, इसलिए मेला क्षेत्र में एक महिला पुलिस अधिकारी की वर्दी और सादी वर्दी में नियुक्ति की जाए, जो वहां पर जाकर निरीक्षण करे। इसपर कोर्ट ने मुख्य सचिव व वित्त सचिव से विचार करने को कहा है।
कोर्ट ने मेलाधिकारी, चीफ सेक्रेट्री, वित्त सचिव व आईजी संजय गुंज्याल को निर्देश दिए है कि वे मेला क्षेत्र का अधिवक्ता के साथ निरीक्षण करेंगे और 30 मार्च तक मेलाधिकरी अपनी रिपोर्ट कोर्ट में पेश करेंगे । 31 मार्च को मेला अधिकारी, चीफ सैकेट्री,वित्त सचिव और आईजी कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश होंगे।