न्यूज जंक्शन 24, नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने हल्के लक्षणों या बगैर लक्षणों वाले कोरोनो मरीजों के लिए होम आइसोलेशन की नई गाइडलाइन (Home isolation new guideline) जारी की है। इसमें सात दिन बाद आइसोलेशन खत्म करने जैसे नियम बनाए गए हैं। सरकार ने कहा है कि जिन मरीजों का ऑक्सीजन सेचुरेशन 93 फीसदी से कम होगा, या बुखार तीन दिनों तक लगातार बुखार 100 डिग्री फारेनहाइट से ज्यादा हो, या सांस लेने में मुश्किल हो और सांस फूलने लगे, तो उन्हें ही डॉक्टर की सलाह पर भर्ती किया जाएगा।
जो कोरोना मरीज होम आइसोलेशन (Home isolation new guideline) में रहेंगे, उन्हें अगर पिछले तीन दिनों में बुखार नहीं आया तो उनको छुट्टी दे दी जाएगी। उन्हें होम आइसोलेशन अवधि समाप्त होने के बाद पुन: परीक्षण कराने की कोई जरूरत नहीं होगी। होम आइसोलेशन के दौरान संक्रमित व्यक्ति को इलाज करने वाले चिकित्सा अधिकारी के संपर्क में रहना होगा। यदि स्वास्थ्य में गिरावट महसूस हो तो उसे तुरंत बताना होगा।
केंद्र ने राज्यों को कंट्रोल रूम दुरुस्त रखने को कहा है। कंट्रोल रूम का काम होगा कि जब होम आइसोलेट (Home isolation new guideline) किए गए मरीज की तबीयत बिगड़े और उसे अस्पताल में भर्ती कराने के इंतजाम करे। ऐसे हालात में एंबुलेंस, टेस्टिंग से लेकर अस्पताल में बेड आसानी से मिल पाए, यह भी देखना कंट्रोल रूम का काम होगा।
ये हैं होम आइसोलेशन के नए नियम (Home isolation new guideline)
- बुजुर्ग मरीजों को डॉक्टर की सलाह पर होम आइसोलेशन की अनुमति मिलेगी।
- हल्के लक्षण वाले मरीज घर पर ही रहेंगे। उनके लिए प्रॉपर वेंटिलेशन रहना जरूरी है।
- कोरोना मरीजों को ट्रिपल लेयर मास्क पहनने की सलाह दी गई है।
- मरीज को ज्यादा से ज्यादा तरल आहार लेने की सलाह दी गई है।
- एचआईवी संक्रमित, ट्रांसप्लांट कराने वाले और कैंसर के मरीज को डॉक्टर की सलाह पर ही होम आइसोलेशन में रखा जा सकेगा।
- बिना लक्षण वाले और हल्के लक्षण वाले मरीज जिनका ऑक्सीजन सेचुरेशन 93 फीसदी से ज्यादा होगा उन्हें ही होम आइसोलेशन में जाने की इजाजत होगी।
- माइल्ड और एसिम्प्टोमेटिक मरीजों को जिला स्तर के कंट्रोल रूम के सतत संपर्क में रहना होगा।
- कंट्रोल रूम उन्हें जरूरत पड़ने पर टेस्टिंग और हॉस्पिटल बेड समय पर मुहैया करवा सकेंगे।
- मरीज को एस्टरॉयड लेने की मनाही है। सिटी स्कैन और चेस्ट एक्सरे बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं किए जाएंगे।
ये लक्षण हों तो तत्काल डॉक्टर की सलाह लें
- तीन दिनों तक यदि लगातार बुखार 100 डिग्री फारेनहाइट से ज्यादा हो।
- यदि सांस लेने में मुश्किल और सांस फूलने लगे।
- शरीर में ऑक्सीजन का स्तर गिरकर 93 फीसदी से कम हो जाए।
- श्वसन दर प्रति मिनट 24 हो।
- सीने में लगातार दर्द या दबाव महसूस हो।
- मानसिक भ्रम की स्थिति बने।
- गंभीर थकान व बदन दर्द हो।
ऐसे ही लेटेस्ट व रोचक खबरें तुरंत अपने फोन पर पाने के लिए हमसे जुड़ें
हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें।
हमारे यूट्यब चैनल से जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें।
हमारे टेलीग्राम ग्रुप से जुड़ने के लिए क्लिक करें।
हमारे फेसबुक ग्रुप से जुड़ने के लिए क्लिक करें।