करवाचौथ पर पति ने वादा पूरा नहीं किया तो रूठकर हिमाचल चली गई पत्नी, जानिये फिर किस हालत में मिली

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न्यूज जंक्शन 24, बरेली।

पति-पत्नी के बीच प्रेम और विश्वास के प्रतीक करवाचौथ पर एक सुहागिन अपने पति से रूठ गईं। ज्वाला देवी जाने का वादा करने के बाद जब पति नहीं ले गया तो महिला करवाचौथ पर इतना नाराज हो गई कि घर छोड़कर चली गई। हिमाचल में मिली महिला का कहना है कि वह पति की लंबी आयु के लिए बगैर बताए ज्वाला देवी के दर्शन करने चली गई थीं।
प्रेमनगर में शास्त्री नगर निवासी संजीव कुमार गुप्ता जींस के होल सेल व्यापारी हैं। उनके परिवार में पत्नी अंजु गुप्ता, एक बेटा व दो बेटी हैं। संजीव कुमार गुप्ता ने बताया कि उनकी पत्नी अंजु गुप्ता धार्मिक प्रवृति से जुड़ी महिला हैं। भगवान की पूजा पाठ में ही लीन रहती है। उनकी पत्नी अंजु गुप्ता करवाचौथ पर बुधवार को को बिना बताये घर से सुबह कहीं चली गई थी। जिसके बाद उन्होंने काफी तलाशा लेकिन वह नहीं मिली। घर में वह किससे और किस बात पर रूठीं, इसके बारे में किसी ने कुछ नहीं बताया। संजीव ने थाना प्रेमनगर में उनकी गुमशुदगी दर्ज कराई। पुलिस को अंजू की लोकेशन हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में मिली। जिस पर पुलिस के साथ परिवार वाले गुरुवार को ही हिमाचल रवाना हो गये। वहां ज्वाला देवी के मंदिर के पास से गुरुवार देर रात महिला को बरामद कर लिया। अंजु के मिलते ही पता चला कि वह जब लाने के लिए तैयार नहीं हुए तो मजबूरन वह अकेली ही चुपचाप चल दी। पति की लंबी आयु के लिये ही ज्वाला देवी के दर्शन को पहुंच गई। इसके साथ ही उन्होंने करवाचौथ का वृत भी रखा था। इसके बाद वह लोग देर रात प्रेमनगर थाने पहुंचे और जहां पहुंचते ही सूचना मिली की उनकी ननद सीता गुप्ता का देहांत हो गया। जिसमें वह अपने पति के साथ सीधा घर पहुंच गई।

15 दिन पहले पति से भी की थी बात

संजीव कुमार गुप्ता ने बताया कि अंजु गुप्ता ने 15 दिन पहले उनसे ज्वाला देवी जाने की बात कही थी। जिसके बाद उन्होंने पत्नी से कहा था कि अभी हाल में ही व्यापार शुरु किया है। करवाचौथ पर स्थिति देख कर चलेंगे। इसके बाद वह इस बात को भूल गये और पत्नी अकेले ही ज्वालादेवी के मंदिर चली गई।

पति से मिलते ही गले लग रो पड़ी अंजु

पति संजीव से मिलते ही उनकी पत्नी चंडीगढ़ में रोते हुये गले लग गई और पूरी बात बताई। उन्होंने पति से कहा कि वह उनके लिये देवी को खुश करना चाहती थी। इसी कारण से करवाचौथ का वृत रखकर वह देवी के दर्शन को गई थी।