नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि मृत्यु प्रमाणपत्र में मृत्यु का कारण कोविड-19 को बताने में किसी भी चूक के लिए जिम्मेदार पाए जाने वालों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई होगी, चाहे वह डॉक्टर ही क्यों न हो।
सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में केंद्र सरकार ने कहा है कि यह अनिवार्य है कि कोविड-19 से होने वाली किसी भी मौत को कोविड मौत के रूप में प्रमाणित किया जाना चाहिए। ऐसा न करने पर प्रमाणित करने वाले डॉक्टर सहित सभी जिम्मेदार लोगों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। कोविड-19 मौतों को रिकॉर्ड करने के लिए दिशा-निर्देशों का कोई भी उल्लंघन भारतीय दंड संहिता की धारा-188 के तहत अपराध माना जाएगा।
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केंद्र ने कहा है कि कोविड-19 डायग्नोस होने पर होने वाली मौतों को कोविड मौतों के रूप में प्रमाणित किया जाना चाहिए। इस नियम का एकमात्र अपवाद यह है कि जब मृत्यु का एक स्पष्ट वैकल्पिक कारण हो, मसलन आकस्मिक आघात, विषाक्तता आदि।
मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में कहा था कि कोविड-19 वायरस से मरने वालों के मृत्यु प्रमाणपत्र में अक्सर तथ्यों को छुपाने की कोशिश की जाती है। कोर्ट ने कहा था ऐसी खबरें मिल रही हैं कि अस्पतालों में कोविड से मरने वाले व्यक्तियों के मृत्यु प्रमाणपत्र में फेफड़े या हृदय की समस्या आदि कारण बताए जाते हैं।


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