विज्ञान, कला और आयुर्वेद तक: उच्च शिक्षा में समग्र शिक्षा की शुरुआत

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उत्तराखंड राज्य स्थापना की रजत जयंती के मौके पर उच्च शिक्षा विभाग ने अपने आगामी रोडमैप की रूपरेखा तैयार की है। इसके तहत महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) सहित कई नए विषय शामिल किए जाएंगे। विभाग के अधिकारियों के अनुसार, एआई आधुनिक समय की आवश्यकता बन चुका है और इसके जरिए स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और वैज्ञानिक अनुसंधान जैसे क्षेत्रों में छात्रों को भविष्य के लिए तैयार किया जा सकेगा।

संयुक्त निदेशक आनंद सिंह उनियाल ने बताया कि महाविद्यालयों में छात्रों को एआई की बेसिक जानकारी दी जाएगी। इसके अलावा भारतीय ज्ञान प्रणाली के तहत दर्शन, विज्ञान, गणित, कला, साहित्य और आयुर्वेद जैसे विषय भी पाठ्यक्रम में शामिल किए जाएंगे। इसका उद्देश्य छात्रों को नैतिक और समग्र शिक्षा प्रदान करना है। आयुर्वेद को पाठ्यक्रम में शामिल कर छात्रों को खान-पान, रहन-सहन और प्राथमिक इलाज जैसी जानकारी दी जाएगी। आयुर्वेद न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी ध्यान केंद्रित करता है।

उच्च शिक्षा विभाग ने यह भी बताया कि प्रत्येक जिले के एक महाविद्यालय में वर्चुअल लैब स्थापित की जाएगी, ताकि शैक्षणिक और अकादमिक वातावरण को और उत्कृष्ट बनाया जा सके।

साथ ही, विभाग ने राज्य गठन के पिछले 25 सालों में मिली उपलब्धियों के साथ अगले 25 साल के लिए प्रस्तावित योजनाओं का प्रारूप तैयार किया है। उच्च शिक्षा सचिव डॉ. रंजीत सिन्हा के अनुसार, विश्वविद्यालयों को समय की मांग के अनुसार नए विषयों को पाठ्यक्रम में शामिल करने के लिए कार्ययोजना तैयार करने को कहा गया है।