पड़ताल : लालकुआं के हाथीखाना मुख्य मार्ग पर दम तोड़ गए राजनेताओं के वादे

716
खबर शेयर करें -

राजू अनेजा, लालकुआं।

सरकार राज्य में कराए गए अपने विकास कार्यों के प्रचार में लगी है और अगला चुनाव भी इसी मुद्​दे पर लड़ने की तैयारी कर रही है, मगर आज भी कई इलाकों में विकास की जमीनी हकीकत सरकारी दावे की हवा निकाल रही है। लालकुआं का हाथीखाना मुख्य मार्ग इसका उदाहरण है। लबालब भरा गंदा पानी क्षेत्र में कराए गए विकास की पोल खोल रहा है।

25 एकड़, बंगाली कॉलोनी, नगीना कॉलोनी, आइटीबीपी, इंडेन गैस प्लांट आदि क्षेत्रों को जोड़ने वाले इस मार्ग से रोजाना लगभग 20 हजार लोग आते-जाते हैं, परंतु आज तक उक्त मार्ग का पुनर्निर्माण ना कराए जाने के चलते क्षेत्रवासियों में काफी आक्रोश व्याप्त है। वर्षों से पानी की सही निकासी ना होने के कारण यह मुख्य मार्ग अक्सर गंदे पानी के तालाब मे तब्दील रहता है जिसके चलते रोजाना इस मार्ग से गुजरने वाले राहगीरों एवं क्षेत्र के प्राचीन फलाहारी बाबा मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। वही गंदे पानी से लबालब भरे इस तालाब से फैली गंदगी के चलते हाथीखाना क्षेत्र के लगभग 2000 परिवारों को रोजाना मच्छरों से कुश्ती लड़ते हुए अपनी रात गुजारनी पड़ती है। तालाब में तब्दील इस मुख्य मार्ग पर रुके हुए गन्दे पानी से यहां के लोगों को डेंगू, मलेरिया एवं मच्छर जनित रोग होने का भय बना रहता है। काफी वर्ष पहले स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन द्वारा इस क्षेत्र को संक्रामक रोगों की लिहाज से अतिसंवेदनशील क्षेत्र घोषित किया जा चुका है। परन्तु आज तक किसी भी जनप्रतिनिधि द्वारा उक्त समस्या का कोई ठोस समाधान ना किये जाने के कारण यहां निवास करने वाले लोग नर्क से भी बदतर जिंदगी जीने को मजबूर हो रहे है। क्षेत्रवासियों का कहना है कि सड़क पर बने उक्त तालाब में उत्पन्न होने वाले मच्छरों के चलते क्षेत्र में महामारी का खतरा भी बना रहता है तथा क्षेत्र के सभी नेतागण एवं जनप्रतिनिधि यहीं से निकलते हैं इसके बावजूद आज तक किसी ने इसे ठीक करने की जहमत नहीं उठाई।

कुछ माह पूर्व समाजसेवी इमरान खान ने अनशन कर सरकार को व्यवस्थाएं दुरुस्त करने की दी थी चेतावनी

उक्त मार्ग के पुनर्निर्माण करवाए जाने की मांग को लेकर विगत कुछ माह पूर्व समाजसेवी इमरान खान अनशन पर भी बैठे थे तथा स्थानीय जनप्रतिनिधियों के आश्वासन पर उन्होंने अपना अनशन समाप्त किया था, परंतु उसके बावजूद भी आज तक स्थानीय जनप्रतिनिधि द्वारा इस हाथीखाना मार्ग का पुनर्निर्माण करवाने के लिए कोई भी पहल नहीं की गई है।जबकि 20 हजार की आबादी के निकलने का यही एक ऐसा एकमात्र मार्ग है। कांग्रेस अल्पसंख्यक आयोग के प्रवक्ता इमरान खान का कहना है कि विगत कई वर्षों से स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं प्रशासनिक अधिकारियों को उक्त समस्या को लेकर ज्ञापन के माध्यम से अवगत कराने के बावजूद भी आज तक कोई भी समाधान नहीं हो पाया है यदि अति शीघ्र उक्त समस्या का कोई समाधान नहीं वह उग्र आंदोलन को भी मजबूूर होंगे।