हल्द्वानी। कोरोना की रोकथाम के लिए प्रदेश सरकार आइवरमेक्टिन दवा मुफ्त बांट रही है, मगर लोगों को इसकी खुराक की सही जानकारी नहीं है। कुमाऊं में बच्चों को भी बड़ों के बराबर खुराक दी जा रही है। इसके चलते पांच बच्चों की हालत खराब हो गई। उल्टी, बेहाशी की शिकायत पर पांचों बच्चों को सुशीला तिवारी अस्पताल लाया गया, जहां चार बच्चे स्वस्थ हो गए और उन्हें घर भेज दिया गया, जबकि एक बच्ची का अभी अस्पताल में उपचार किया जा रहा है।
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प्रदेश सरकार ने नैनीताल जिले में 40 लाख दवा बांटने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इनमें से 50 फीसद दवा राज्य सरकार ने भिजवाई थी और शेष जिला स्तर पर स्वास्थ्य विभाग को खरीदनी थी। जिला प्रशासन के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने अब तक एक लाख 73 हजार 453 लोगों को दवा वितरित की है। इस बीच बच्चों में ओवरडोज से दवा का दुष्प्रभाव सामने आने लगा है। एसटीएच की बाल रोग विभागाध्यक्ष डा. नूतन सिंह ने बताया कि दवा के ओवरडोज से बीमार बच्चों में दो चौखुटिया और एक-एक बच्चा गरमपानी, नैनीताल व भिकियासैंण के हैं। इनकी उम्र आठ से 12 वर्ष है। हालत में सुधार होने पर चार बच्चों को डिस्चार्ज कर दिया गया है। भिकियासैंण की चार वर्षीय बच्ची अभी भी भर्ती है। उसकी सेहत पर बराबर नजर रखी जा रही है।
ये है दवा की सही खुराक
एसीएमओ डा. रश्मि पंत बताती हैं कि 12एमजी की दवा को 15 वर्ष से ऊपर के लोगों को सुबह-शाम एक-एक गोली पांच दिन लेनी है। 10 से 14 वर्ष तक के बच्चों को केवल एक गोली तीन दिन लेनी है। नौ से पांच वर्ष तक के बच्चे डाक्टर की सलाह पर ही दवा लेंगे और पांच वर्ष से नीचे के बच्चों को दवा नहीं देनी है। गर्भवती, स्तनपान करने वाली महिलाओं व लीवर रोग से ग्रस्त मरीजों को भी दवा नहीं लेनी है।