देहरादून। देश में कोरोना के मामले तेजी से ऊपर उठ रहे हैं। ऐसे में केंद्र सरकार इसे रोकने को हर संभव कोशिश कर रही है। हाल ही में पीएम नरेंद्र मोदी ने देशभर के मुख्यमंत्रियों और उनके प्रतिनिधियों के साथ मंत्रणा भी की थी, मगर कई राज्य इसे लेकर ज्यादा गंभीरता बरतते नहीं दिखाई दे रहे है। उत्तराखंड में भी कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। कुंभ मेले काे देखते हुए कोरोना के मामलों के और तेजी से बढ़ने की आशंका जाहिर की जा रही है। इसी के चलते केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को चिट्ठी लिखी है, जिसमें महामारी को फैलने से रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की जरूरत को कहा गया है।
उत्तराखंड के मुख्य सचिव को लिखे पत्र में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा है कि पिछले कुछ सप्ताह में भारत में 12 से अधिक राज्यों में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि आई है और हरिद्वार कुंभ मेले में इन राज्यों से भी तीर्थयात्री आ सकते हैं। इससे पवित्र शाही स्नान के बाद स्थानीय लोगों में संक्रमण के मामले बढ़ने की भी आशंका है।
भूषण ने कहा कि मेले में चिकित्सा तथा जन स्वास्थ्य व्यवस्था की समीक्षा के लिए राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) के निदेशक के नेतृत्व में केंद्र सरकार के एक दल ने 16-17 मार्च के बीच उत्तराखंड का दौरा किया था। इस टीम ने दौरे के बाद बताया है कि कुंभ में रोजाना 10-20 तीर्थयात्रियों और 10-20 स्थानीय लोग कोरोना पॉजिटिव मिल रहे हैं। संक्रमण की यह दर मामलों में वृद्धि होने की आशंका को बढ़ाती है क्योंकि कुंभ के दौरान अधिक संख्या में लोगों के आने की उम्मीद है। इसलिए हरिद्वार में प्रतिदिन हो रही 50 हजार रैपिड एंटीजेन टेस्ट और पांच हजार आरटीपीसीआर जांच तीर्थयात्रियों की संभावित संख्या को देखते हुए पर्याप्त नहीं है।
केंद्र सरकार की इस चिट्ठी के बाद कोरोना को लेकर डर बढ़ गया है। क्योंकि हाल ही में प्रदेश के नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के फैसले को पलटते हुए कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के ऊपर से कोविड निगेटिव रिपोर्ट साथ लाने की अनिवार्यता खत्म कर दी थी।