लखनऊ। लखीमपुर में हुए बवाल (Lakhimpur Kheri case) को लेकर जारी प्रदर्शन के बीच खबर है किसानों और सरकार के बीच समझौता हो गया है। सुबह से ही किसानों और प्रशासन के बीच में वार्ता चल रही थी, जो सफल रही। अब दोनों पक्षों में सुलह हो गई है। किसानों की मांग सरकार ने मांग ली है।
रविवार को केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी और यूपी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का विरोध करने जा रहे किसान उग्र हो गए थे और पथराव कर दिया थाा, जिसके बाद मंत्री टेनी के बेटे अाशीष मिश्र की कार से कुचलकर चार किसानों की मौत हो गई थी और कई घायल हो गए थे। इससे भड़के किसानों ने कार चालक और तीन भाजपा कार्यकर्ताओं को पीट-पीटकर मार डाला था। इस घटना से प्रदेश के साथ ही दूसरे राज्यों में भी विराेध प्रदर्शन शुरू हो गया था। कई राजनेता भी लखीमपुर खीरी की ओर रवाना हो गए थे। मगर सरकार प्रशासन के जरिए किसानों के प्रदर्शन को थामने के लिए वार्ता करती रही।
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राकेश टिकैत के साथ हुई प्रशासन की वार्ता
इस संबंध में किसान नेता राकेश टिकैत की प्रदेश सरकार के अधिकारियों से बंद कमरे में चर्चा हुई। राकेश टिकैत ने कहा मुआवजे के साथ मृतकों के परिजनों के एक सदस्य को सरकारी नौकरी, मृतकों के परिजनों को 45 लाख रुपये के मुआवजे के साथ ही मंत्री और उसके बेटे के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के अलावा मंत्री के बेटे की गिरफ्तारी और मंत्री को बर्खास्त करने की मांग की है। इसके बाद संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से राकेश टिकैत ने एलान किया कि शव का पोस्टमार्टम होने दिया जाए. टिकैत ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर 10 घंटे में उक्त मांग पूरी न हुई तो बड़े आंदोलन की तैयारी की रूपरेखा तैयार होगी।
सोमवार को सुबह से ही किसानों और प्रशासन के बीच वार्ता शुरू हो गई थी, जो सफल रही। सरकार ने प्रदर्शनकारी किसानों की मांगे मान ली है, जिसके तहत मृतक किसानों के परिजनों को 45-45 लाख रुपये दिए जाएंगे, वहीं, घायल किसानों को 10-10 लाख रुपये देने की घोषणा की गई है। इसके साथ ही मृतक किसानों के एक परिजन को सरकारी नौकरी दी जाएगी। सरकार ने ये भी कहा है कि इसके साथ ही नई कमेटी का गठन भी किया जाएगा, जो रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में मामले की जांच करेगी। वहीं, एडीजी प्रशांत कुमार ने बताया है कि दोषियों के खिलाफ केस दर्ज हो गया है, जांच जारी है। किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।
लखनऊ में पुलिस गाड़ी में लगाई आग
वहीं, गुस्साए लोगों ने राजधानी लखनऊ के गौतमपल्ली में पुलिस की गाड़ी मेंं आग लगा दी है। इस बीच लखीमपुर खीरी जिले में धारा 144 लगा दी गई है। पंजाब से कई लोगों के खीरी आने की खबर पर उत्तर प्रदेश सरकार ने पंजाब के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर उनसे आग्रह किया है कि वहां से किसी को लखीमपुर खीरी के लिए रवाना न होने दिया जाए। उत्तर प्रदेश सरकार ने यह पत्र लखीमपुर में हिंसा को बढ़ने से रोकने के उद्देश्य से लिखा है।
प्रियंका गांधी व पुलिस के बीच तीखी बहस
इधर, लखीमपुर खीरी जा रहीं प्रियंका गांधी को पुलिस ने सीतापुर के हरगांव में हिरासत में ले लिया है। हालांकि इसके लिए उन्हें मशक्कत करनी पड़ी। इसका एक वीडियो भी वायरल हो रहा है। जिसमें उनकी पुलिस के अधिकारियों के साथ तीखी बहस हुई। वीडियो में प्रियंका गांधी यूपी पुलिस के अधिकारियों को कानून का पाठ सिखाते हुए दिख रही हैं। प्रियंका के सवालों और गुस्से के आगे यूपी पुलिस के अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। वह कह रही हैं कि ये धाराएं सब पर लगेंगी, सबके नाम के साथ लगेंगी। मैं उन लोगों से इम्पोर्टेंट नहीं हूं, जिन लोगों को तुमने मारा है…समझे। किस सरकार को तुम डिफाइन कर रही हो। जिनको गाड़ी के नीचे कुचला है, मैं उनसे बड़ी नहीं हूं। मुझे वारंट दो। मुझे लीगल वारंट दो। यहां से मैं ऐसे नहीं हिलूंगी। एक वीडियों में वह यह भी कह रही है कि , ‘इसमें बिठा कर तुम मेरा अपहरण करोगे? ये है लीगल स्टेटस तुम्हारा। मत समझो कि मैं कुछ नहीं समझती….अरेस्ट करो खुशी से जाउंगी मैं।
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पंजाब सीएम ने खीरी आने के लिए मांगी इजाजत
पंजाब सरकार ने उत्तर प्रदेश सरकार को खत लिखकर कहा है कि मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी लखीमपुर खीरी जाना चाहते हैं। आप उनका हेलीकॉप्टर उतारने की इजाजत दें।
अखिलेश यादव धरने पर बैठे
लखीमपुर खीरी जाने को निकले अखिलेश यादव को भी पुलिस ने उनके घर पर ही रोक लिया। इस पर वह अपने घर के बाहर धरने पर बैठ गए हैं। उनके साथ रामगोपाल यादव भी मौजूद हैं। वहीं, कांग्रेस के अनुसार उनके नेता प्रमोद तिवारी और सलमान खुर्शीद को भी हाउस अरेस्ट किया गया। शिवपाल यादव भी खीरी के लिए रवाना हो गए हैं।
2. यूपी के दुःखद खीरी काण्ड में भाजपा के दो मंत्रियों की संलिप्तता के कारण इस घटना की सही सरकारी जाँच व पीड़ितों के साथ न्याय तथा दोषियों को सख्त सजा संभव नहीं लगती है। इसलिए इस घटना की, जिसमें अब तक 8 लोगों के मरने की पुष्टि हुई है, न्यायिक जाँच जरूरी, बीएसपी की माँग।
— Mayawati (@Mayawati) October 4, 2021
मायावती ने की न्यायिक जांच की मांग
बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने किसानों की मौत पर दुख जताते हुए बीजेपी सरकार पर हमला बोला है। मायावती ने कहा कि हमारी पार्टी मांग करती है कि इस घटना की न्यायिक जांच की जाए। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि, बीएसपी के राष्ट्रीय महासचिव व राज्यसभा सांसद सतीश चंद्र मिश्र को रविवार देर रात लखनऊ में उनके निवास पर नजरबंद कर दिया गया जो अभी भी जारी है, ताकि उनके नेतृत्व में पार्टी का प्रतिनिधिमंडल लखीमपुर खीरी जाकर किसान हत्याकांड की सही रिपोर्ट न प्राप्त कर सके। यह अति-दुःखद व निंदनीय है। मायावती ने फिर दूसरा ट्वीट किया कि, यूपी के दुःखद खीरी काण्ड में भाजपा के दो मंत्रियों की संलिप्तता के कारण इस घटना की सही सरकारी जांच व पीड़ितों के साथ न्याय तथा दोषियों को सख्त सजा संभव नहीं लगती है। इसलिए इस घटना की, जिसमें अब तक 8 लोगों के मरने की पुष्टि हुई है, न्यायिक जांच जरूरी, बीएसपी की मांग।
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