बारिश से लैंडस्लाइड, बदरीनाथ और केदारनाथ मार्ग बंद

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 उत्तराखंड में मानसून ने रफ्तार पकड़ ली है और इसका असर अब तीव्र रूप से पर्वतीय जिलों पर दिखने लगा है। चमोली जिले में भारी बारिश के चलते जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया है। बदरीनाथ हाईवे पर कई जगह मलबा और बोल्डर गिरने से मार्ग बाधित हो गया है, वहीं ज्योतिर्मठ क्षेत्र अंधेरे में डूबा है — कारण है 66 केवी की विद्युत लाइन में तकनीकी फॉल्ट।

उमट्टा और नंदप्रयाग के पास भूस्खलन से हाईवे बंद हो गया था। नंदप्रयाग में मलबा हटाकर मार्ग खोल दिया गया है, लेकिन उमट्टा में जेसीबी मशीनों की मदद से अभी भी सफाई जारी है। उधर, ज्योतिर्मठ में रविवार रात से बिजली ठप है, पिटकुल की टीमें फॉल्ट की तलाश में जुटी हैं।

मौसम विभाग द्वारा भारी बारिश और भूस्खलन की चेतावनी को देखते हुए चमोली जिले के सभी सरकारी और अर्द्धसरकारी विद्यालयों में सोमवार को अवकाश घोषित किया गया है। मुख्य शिक्षा अधिकारी के निर्देश पर यह कदम उठाया गया है।

केदारनाथ यात्रा भी फिलहाल रोक दी गई है। मुनकटिया और सोनप्रयाग के बीच भारी मलबा और बोल्डर गिरने से मार्ग अवरुद्ध हो गया। प्रशासन ने श्रद्धालुओं को सोनप्रयाग और गौरीकुंड में ही रोक दिया है। कई घंटों की मशक्कत के बाद मार्ग को केवल पैदल यात्रियों और शटल सेवाओं के लिए खोला गया है।

रुद्रप्रयाग जिले में अलकनंदा और मंदाकिनी नदियां खतरे के निशान के करीब बह रही हैं। पहाड़ों में लगातार हो रही बारिश से इन नदियों ने विकराल रूप ले लिया है। बदरीनाथ और केदारनाथ हाईवे पर जगह-जगह मलबा और बोल्डर गिर रहे हैं, जिससे चारधाम यात्रा बार-बार बाधित हो रही है।

राज्यभर में दो राष्ट्रीय राजमार्गों सहित 50 से अधिक सड़कें बंद पड़ी हैं। यातायात व्यवस्था चरमराई हुई है और लोगों को आवाजाही में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि प्रशासन की ओर से राहत और बचाव कार्य लगातार जारी है। राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग की मशीनें सड़कें खोलने में जुटी हुई हैं। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों के लिए भी भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।

प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें, पहाड़ी क्षेत्रों में न जाएं और मौसम संबंधित निर्देशों का पालन करें।