एक अधिकारी की लापरवाही उत्तराखंड रोडवेज पर पड़ी भारी, महज 6 घंटे में गंवा दिए इतने लाख रुपये

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हल्द्वानी। हिंदी में कहावत है कि अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारना। मतलब अपना ही नुकसान कर बैठना। उत्तराखंड रोडवेज पर यह कहावत एक दम सटीक बैठती है। लगातार घाटे से जूझने के बाद भी इसके अधिकारी बाज नहीं आ रहे हैं। वह अपनी कार्यशैली सुधारने को तैयार हैं, ऐसा लगता नहीं, तभी तो गुरुवार को महज छह घंटे मेंं ही वह परिवहन निगम को 10 लाख का नुकसान करा बैठे। यह हुआ फास्टैग रिचार्ज न करने से। अब इस नुकसान से कर्मचारियों में खासा रोष है। उनका कहना है कि उन्हें चार महीने से उन्हें वेतन नहीं मिला है और अधिकारी लापरवाही पर लापरवाही कर निगम की और चपत लगा रहे हैं।

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दरअसल, गुरुवार को करीब 7 बजे से निगम की सभी बसों में अचानक फ़ास्टैग ने काम करना बंद हो गया और छह घंटे तक यह बंद ही रहा। इस दौरान प्रदेश की बसें जब दिल्ली रूट पर थीं और जब वे रास्ते में पड़ने वाले टोल प्लाजा पर पहुंची तो उन्हें दोगुना टैक्स का भुगतान करना पड़ा। क्योंकि अब सभी टोल प्लाजा पर फास्टैग के जरिए ही ऑनलाइन टोल टैक्स का भुगतान करना होता है और अगर ऐसा नहीं करते हैं तो दोगुना चार्ज लगता है। इन बसों के साथ भी यही हुआ। निगम सूत्रों की माने तो निगम के मुख्यालय में तैनात अधिकारी की चूक से ही पूरे प्रदेश में विभाग में को करीब 10 लाख का नुकसान हुआ है। इन 6 घँटे में फास्टैग के काम न करने पर विभाग की माली हालत पर इस अधिकारी के ऊपर रोडवेज यूनियनों ने गहरी आपत्ति दर्ज की है। यूनियन के पदाधिकारियों का कहना है इस बड़ी भूल पर दोषारोपित अधिकारी के वेतन से इसकी रिकवरी होनी चाहिए।

कर्मचारियों को नहीं मिला है वेतन

रोडवेज में घाटे की स्थिति ऐसी है कि यह अपने कर्मचारियों को वेतन तक नहीं दे पा रहा है। लॉकडाउन में सभी बसों का संचालन ठप था, जिससे यह घाटा और बढ़ गया। कर्मचारियों को चार महीने तक वेतन नहीं मिला। लॉकडाउन खत्म हुआ तो धीरे-धीरें बसें सड़क पर उतरीं, जिससे थोड़ी बहुत आय होने लगी, मगर अब भी परिवहन निगम को फायदा नहीं हो रहा, जिससे कर्मचारियों के चार महीने का वेतन अब भी बकाया है। यह मामले में हाई कोर्ट में भी सुनवाई हो रही है। अब इस 10 लाख के नुकसान ने रोडवेज को और मुश्किल में डाल दिया है।

इन टोल पर हुआ नुकसान (रुपये में)

टोल प्लाजा          तय रकम          दी गई रकम

बिलासपुर             90                        180

रामपुर                405                        810

जोया                  130                        260

गढ़                    195                        390

पिलखुवा             440                        880