देहरादून : सूबे में अब रोगियों को कोविड अस्पताल हों या फिर कोविड हेल्थ सेंटर…इन सभी में भर्ती करने का नया प्रोटोकाल लागू कर दिया गया है। जिसमें सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि अब रोगी को भर्ती करने के दौरान कोरोना की पाजिटिव जांच रिपोर्ट दिखाना जरूरी नहीं होगा। मरीजों को भर्ती के दौरान परिचय पत्र दिखाने की व्यवस्था भी खत्म कर दी गई है।
स्वास्थ्य सचिव डा. पंकज कुमार पांडेय ने जारी आदेश में कहा है कि कोरोना पीडि़त मरीजों के लिए त्रिस्तरीय व्यवस्था बनाई गई है। कम संक्रमित मरीजों को कोविड केयर सेंटर, अधिक संक्रमितों को डिस्ट्रिक्ट कोविड हेल्थ सेंटर और गंभीर मामलों को जिला कोविड अस्पतालों में भेजा जाएगा। कोरोना उपचार से जुड़े सरकारी और निजी अस्पतालों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार मरीजों को भर्ती करने और उपचार करना अनिवार्य होगा। कोरोना की आशंका वाले मरीजों को पाजिटिव रिपोर्ट को आधार बनाकर भर्ती करने से इन्कार नहीं किया जा सकेगा। ऐसे व्यक्ति को सस्पेक्ट वार्ड में भर्ती कराया जाएगा। किसी भी मरीज को उपचार यानी आक्सीजन अथवा जरूरी दवाइयों अथवा अन्य शहर से संबंध रखने की वजह से भर्ती करने से अस्पताल रोक नहीं सकेंगे। इसके साथ ही संबंधित शहर का वैध परिचय पत्र को आधार बनाकर भी मरीजों को उपचार अथवा अस्पतालों में भर्ती करने से मना नहीं किया जाएगा।
अस्पतालों में बेड को लेकर मारामारी को लेकर भी व्यवस्था बनाई गई है। अब अस्पतालों में भर्ती के लिए मर्ज के मुताबिक मरीजों की जरूरत का ध्यान रखा जाएगा। जिस व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत नहीं है, उसे बेड नहीं देने के सख्त निर्देश हैं। इसकी व्यवस्था बनाने की हिदायत दी गई है। इसके साथ ही केंद्र की ओर से मरीजों को अस्पताल से डिस्चार्ज करने की संशोधित नीति का पालन अनिवार्य किया गया है।