न्यूज जंक्शन 24, देहरादून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 नवंबर को केदारनाथ धाम (Modi in kedarnath) आ रहे हैं। इस बीच खबर है कि जब पीएम मोदी केदारनाथ (Modi in kedarnath) आएंगे तो उनके साथ सीएम पुष्कर सिंह धामी, सरकार के मंत्री, सांसद, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और कई संगठन के कई लोग कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे। लेकिन इस कार्यक्रम से पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को दूर रखा जाएगा। बताया जा रहा है कि इस दूरी की वजह कुछ और नहीं, बल्कि 2 दिन पहले उनका केदारनाथ में हुआ विरोध है। सरकार और सुरक्षा एजेंसियों को यह लगता है कि अगर त्रिवेंद्र सिंह वहां पर होंगे तो कहीं विरोध की ज्वाला दोबारा से न भड़क जाए।
पीएम मोदी के केदारनाथ (Modi in kedarnath) यात्रा के दौरान जिन गणमान्यों की लिस्ट पीएमओ को सौंपी गयी है, उसमें त्रिवेंद्र सिंह रावत का नाम नहीं है। पीएम मोदी के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत, सुबोध उनियाल, सतपाल महाराज, स्वामी यतीश्वरानंद, रेखा आर्य, गणेश जोशी, धन सिंह रावत, केदारनाथ विधायक मनोज रावत के साथ अन्य लोग मौजूद रहेंगे। इसके साथ ही राज्यपाल गुरमीत सिंह भी इस दौरे पर पीएम मोदी के साथ रहेंगे।
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने इस बारे में कहा है कि ऐसा नहीं है कि सिर्फ त्रिवेंद्र सिंह रावत को ही पीएम मोदी के केदारनाथ (Modi in kedarnath) कार्यक्रम में सम्मिलित नहीं किया गया है। बल्कि पूर्व मुख्यमंत्रियों का ऐसा कोई प्रोटोकोल नहीं है। विजय बहुगुणा और रमेश पोखरियाल निशंक का भी लिस्ट में नाम नहीं है। इसलिए इस बात को जोर देना कि सिर्फ त्रिवेंद्र सिंह का नाम नहीं है, यह बात सही नहीं होगी।
मदन कौशिक ने कहा कि यह बात सही है कि 2 दिन पहले पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत का भारी विरोध हुआ था। लोकतंत्र में विरोध करना हर किसी के अधिकार में है, लेकिन विरोध भी एक दायरे में रहकर किया जाना चाहिए। तीर्थ पुरोहितों ने उन्हें दर्शन करने से रोका, यह बात सही नहीं थी।
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