उत्तराखंड में गुरु पूर्णिमा के अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा शुरू किए गए ऑपरेशन ‘कालनेमि’ के तहत राज्यभर में छद्म वेशधारियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई जारी है। इस अभियान का उद्देश्य धार्मिक आस्था की आड़ में धोखाधड़ी कर रहे फर्जी बाबाओं और असामाजिक तत्वों को चिन्हित कर दंडित करना है।
राजधानी देहरादून में जहां पहले दिन 25 फर्जी बाबाओं को गिरफ्तार किया गया था, वहीं हरिद्वार पुलिस ने भी अभियान को गति देते हुए शुक्रवार को 13 फर्जी बाबाओं को हिरासत में लिया। ये सभी व्यक्ति लंबे समय से साधु का वेश धारण कर आम लोगों को गुमराह कर रहे थे।
कार्रवाई नगर कोतवाली क्षेत्र में की गई, जहां पुलिस को इन बाबाओं के खिलाफ लगातार शिकायतें मिल रही थीं।
हरिद्वार के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) प्रमेंद्र सिंह डोबाल ने कहा: “ऑपरेशन ‘कालनेमि’ के तहत हमने उन लोगों को पकड़ा है जो साधु का वेश धारण कर धार्मिक नगरी की गरिमा को ठेस पहुंचा रहे थे। कांवड़ मेले से पहले यह स्पष्ट संदेश है कि हरिद्वार में किसी भी प्रकार का फर्जीवाड़ा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
इसी अभियान के तहत श्यामपुर थाना क्षेत्र में 18 बहुरूपिए सपेरे बाबाओं को भी गिरफ्तार किया गया। पुलिस के अनुसार, ये लोग तंत्र-मंत्र और जादू-टोने का दिखावा कर कांवड़ यात्रियों को भ्रमित कर रहे थे। इनकी हरकतों के चलते कई जगहों पर भीड़भाड़ हो रही थी, जिससे कानून व्यवस्था भंग होने की आशंका बढ़ गई थी।
थाना श्यामपुर पुलिस टीम ने तत्काल कार्रवाई करते हुए सभी 18 बहुरूपियों को मौके से गिरफ्तार कर थाने लाया।
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने इस अभियान की सराहना करते हुए कहा कि:
“इस तरह की कार्रवाई से न सिर्फ धर्म की रक्षा होगी, बल्कि फर्जी बाबाओं के खिलाफ कड़ा संदेश भी जाएगा।”
श्यामपुर और नगर कोतवाली क्षेत्र में इस अभियान को सफलतापूर्वक अंजाम देने वाली पुलिस टीम में थानाध्यक्ष सहित कई अधिकारी शामिल थे, जिनकी सक्रियता और सजगता की सराहना की जा रही है।







