न्यूज जंक्शन 24, बरेली।
अगर आप स्वस्थ होने के लिए सरकारी दवा खा रहे हैं तो जरा जांच परखकर सेवन करें। कहीं ऐसा न हो कि सही होने के चक्कर में और ज्यादा खतरे में पड़ जाएं। बरेली मंडल के सरकारी अस्पतालों में रोगियों को दी जा रही पैरासीटामोल गोली घटिया निकली है। फायदा न होने की शिकायत पर जब गोली की जांच कराई गई तो रिपोर्ट हैरान करने वाली आई। ड्रग विभाग की प्रयोगशाला जांच में सीएमएसडी स्टोर की पैरासिटामोल फेल हो गई। ड्रग इंस्पेक्टर ने सरकारी अस्पतालों में घटिया पैरासिटामोल की आपूर्ति और इस्तेमाल पर पाबंदी लगा दी है। साथ ही पैरासिटामोल की आपूर्ति करने वाली हिमाचल की कंपनी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है। रिपोर्ट के मुताबिक टेबलेट में खड़िया की मात्रा अधिक निकली है।
अगस्त में ड्रग इंस्पेक्टर विवेक कुमार ने सीएमएसडी स्टोर से पैरासिटामोल टैबलेट का नमूना लेकर जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा था। गुरुवार को टैबलेट की जांच रिपोर्ट आ गई। पैरासिटामोल टैबलेट में दवा की मात्रा मानक से काफी कम पाई गई है। जांच में टैबलेट फेल हो गई। जांच रिपोर्ट आते ही ड्रग इंस्पेक्टर ने कार्रवाई शुरू कर दी। सीएमओ को पत्र भेजकर पैरासिटामोल की सरकारी अस्पतालों में आपूर्ति पर रोक लगा दी। बचे हुए स्टॉक को सुरक्षित रखने को कहा है। पैरासिटामोल की आपूर्ति हिमाचल की हीलरस कंपनी आपूर्ति कर रही थी। कंपनी को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा है। दवा कंपनी का जवाब आने के बाद ड्रग विभाग कोर्ट में केस दायर करेगा।
दायर होगा कंपनी के खिलाफ मुकदमा–
ड्रग इंस्पेक्टर विवेक कुमार ने बताया कि सीएमएसडी स्टोर से सरकारी अस्पतालों को सप्लाई की जाने वाली पैरासिटामोल टैबलेट जांच में फेल हो गई है। दवा निर्माता कंपनी के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है। नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। जवाब आने के बाद दवा निर्माता कंपनी के खिलाफ कोर्ट में केस दायर किया जाएगा।
घटिया दवा ने और बना दिया रोगी–
सीएमएसडी स्टोर में जुलाई में पैरासिटामोल टैबलेट की खेप भेजी गई थी। जुलाई से लगातार बरेली के सरकारी अस्पतालों में पैरासिटामोल की आपूर्ति की जा रही है। जुलाई से अब तक सरकारी अस्पतालों में खड़िया वाली पैरासिटामोल मरीजों को देते रहे। मरीजों को बीमारी में घटिया पैरासिटामोल से फायदा नहीं हुआ। लोग घटिया दवा के चक्कर में लंबे समय तक बीमारी से जूझते रहे।
सीएमओ बोले—
सीएमओ वीके शुक्ला ने बताया कि पैरासिटामोल जांच में फेल हो गई है। सरकारी अस्पतालों में पैरासिटामोल की आपूर्ति रोक दी गई है। सरकारी अस्पतालों में जहां भी पैरासिटामोल टैबलेट का स्टॉक है, उसे वापस मंगाया जा रहा है।