एआईसीटीई का यूटर्न : इंजीनियरिंंग के लिए फिजिक्स, केमेस्ट्री और मैथ अब भी महत्वपूर्ण

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नई दिल्ली। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने अपने एक फैसले पर यूटर्न ले लिया है। इंजीनियरिंग के लिए 12वीं में फिजिक्स, केमेस्ट्री और मैथ सबजेक्ट को उसने फिर से जरूरी बताया है।

दरअसल, दो दिन पहले ही एआईसीटीई ने घोषणा की थी कि इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए 12वीं में फिजिक्स, केमेस्ट्री और मैथ विषय अनिवार्य नहीं होंगे। किंतु अब उसने यूटर्न लेते हुए कहा है कि इंजीनियरिंग के लिए फिजिक्स, केमेस्ट्री और मैथ महत्वपूर्ण विषय हैं।

एक प्रेसवार्ता में एआईसीटीई के चेयरपर्सन अनिल सहस्रबुद्धे ने कहा कि बायोटेक्नोलॉजी, टेक्सटाइल या एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग जैसे स्ट्रीम के लिए 12वीं में इन विषयों का अध्ययन नहीं करने का विकल्प होगा। वहीं मैकेनिकल इंजीनियरिंग जैसे स्ट्रीम के लिए भौतिकी, रसायन विज्ञान और गणित महत्वपूर्ण विषय बने रहेंगे। एआईसीटीई ने यह निर्णय भी विश्वविद्यालयों और इंजीनियरिंग संस्थानों के ऊपर  छोड़ दिया है।

उन्होंने कहा, यदि कोई नए मानदंडों और एआईसीटीई की हैंडबुक में उल्लिखित 14 विषयों (भौतिकी, गणित, रसायन विज्ञान, कंप्यूटर विज्ञान, इलेक्ट्रॉनिक्स, सूचना प्रौद्योगिकी, जीव विज्ञान, सूचना विज्ञान अभ्यास, जैव प्रौद्योगिकी, तकनीकी व्यावसायिक विषय, इंजीनियरिंग ग्राफिक्स, व्यावसायिक अध्ययन और उद्यमिता) का अध्ययन करता है तो उसे इंजीनियरिंग के पाठ्यक्रम में दाखिला दिया जा सकता है। हालांकि, अंतिम निर्णय अभी भी कॉलेज या संस्थान के हाथ में होगा। उन्होंने कहा कि नए एपीएच (अप्रूवल प्रॉसेस हैंडबुक) में संस्थान और विश्वविद्यालय छात्रों की मदद करने के लिए “पुल पाठ्यक्रम” की पेशकश भी कर सकते हैं।

उन्होंने अपनी बात समझाते हुए कहा कि स्कूल में फिजिक्स, केमेस्ट्री और मैथ के छात्रों को अक्सर जैव प्रौद्योगिकी कार्यक्रम में दाखिला लेने में समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि हमारे पुराने एपीएच ने हाई स्कूल में गणित का अध्ययन अनिवार्य कर दिया है। नए मानदंडों के तहत, यदि विश्वविद्यालय या संस्थान इसकी अनुमति देते हैं, तो पीसीबी का अध्ययन करने वाले विद्यार्थी को बायोटेक्नोलॉजी में दाखिला दिया जा सकता है।